महाभारत युद्ध में श्री कृष्ण कैसे बने अर्जुन के सारथी?
महाभारत में श्रीकृष्ण अर्जुन के सारथी क्यों बने? जानें इस निर्णय का क्या है आज के समय से कनेक्शन...
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भगवान श्रीकृष्ण द्वारका के राजा थे, लेकिन महाभारत युद्ध में उन्होंने शस्त्र नहीं उठाया।
महाभारत युद्ध से पहले जब दुर्योधन और अर्जुन श्रीकृष्ण के पास सहायता मांगने पहुंचे, तब भगवान ने धर्म का साथ दिया।
उन्होंने दोनों के सामने ऑप्शन रखा, या तो वे स्वयं श्रीकृष्ण को चुनें या फिर उनकी विशाल नारायणी सेना को।
दुर्योधन ने पहले आकर उनकी नारायणी सेना मांगी और अर्जुन ने मांगा श्रीकृष्ण को।
श्रीकृष्ण ने कर्मयोग, सेवा और धर्म का उदाहरण प्रस्तुत किया।
श्री कृष्ण ने न केवल उनके रथ को दिशा दिखाई बल्कि अर्जुन को गीता का उपदेश भी दिया।
युद्ध में अर्जुन के रथ की दिशा सिर्फ श्रीकृष्ण तय कर रहे थे, यानी धर्म की ओर।
यह बताता है कि हमारा सारथी वही बन सकता है जो सबसे बड़ा पथ प्रदर्शक भी हो।
साथ ही, जीवन रुपी युद्ध की रणभूमि में, हमें हमेशा सत्य के साथ खड़े रहना चाहिए, फिर चाहे असत्य की ओर हमारे अपने ही क्यों ना हों।