प्राचीन काल में भारत, खाद्य पदार्थों, गोल्ड, कपास, रत्न, हीरे इत्यादि के निर्यात में विश्व में सबसे आगे था-

1800 साल पहले भारत में सोने की माइनिंग की जाती रही है और अभी भी कर्नाटक में सबसे ज्यादा सोना निकलता है।

महमूद गजनी ने 1001 में 4 लाख सोने के सिक्के लूटे थे। इसके अलावा सैनिकों और जयपाल को छोड़ने के लिए भी उसने 4.5 लाख सोने के सिक्के लिए थे।

सन 1025 में महमूद गजनी ने गुजरात के सोमनाथ मंदिर को कई बार सोने के लिए लूटा था।

1739 में पर्सिया के नादिरशाह ने दिल्ली से इतना सोना लूटा कि 3 साल तक पर्सिया में किसी ने टैक्स नहीं दिया।

मुगल काल में शाहजहां ने 1 हजार किलो सोने का तख्त बनाया था जिसे तख्त ए ताऊस कहा जाता है।

सन् 2011 में पद्मनाभ मंदिर से जो खजाना मिला था उसका सोना केरल के बजट से कई गुना ज्यादा था। इतना ही सोना अभी भी दबा हुआ है।

भारत में अभी भी करीब 22,000 टन सोना लोगों के पास है जिसमें लगभग 3,000-4,000 टन सोना भारत के मंदिरों में है।

सन् 1500 ईस्वी के आसपास दुनिया की आय में भारत की हिस्सेदारी 24.5% थी जो कि पूरे यूरोप की आय के बराबर थी।