दुनिया के महान लोगों के अंतिम शब्द

महान लोगों के विचार आपने कई बार पढ़े होंगे। आज हम आपको महान लोगों के अंतिम शब्द के बारे में बताएंगे-

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अब्दुल कलाम के आखिरी शब्द थे 'इस दुनिया को जीने लायक कैसे बनाएं।'

रानी लक्ष्मीबाई ने मरने से पहले अपने सिपाहियों से कहा था कि 'मेरी लाश अंग्रेजों को नहीं मिलनी चाहिए।'

प्रीस्ट ने चार्ली चैपलिन से कहा था कि प्रभु आपकी आत्मा पर दया करें तो चार्ली ने कहा कि 'क्यों नही ये सब उन्हीं का तो है।'

अल्बर्ट आइंस्टीन ने कहा था कि 'मुझे जितना जीना था उतना मैंने जी लिया और जितना योगदान इस पृथ्वी को देना था मैंने दे दिया।'

महात्मा गांधी ने अंतिम काल में तीन बार 'हे राम' कहा था।

Tennessee whiskey के फाउंडर जैक डेनियल ने कहा था 'एक आखिरी जाम हो जाए।'

कार्ल मार्क्स ने कहा कि 'आखरी शब्द उन बेवकूफ लोगों के होते हैं जो अपनी जिंदगी मैं बहुत कुछ नहीं बोल पाए।'