भारत के राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे का इतिहास

क्या आप जानते हैं कि भारत के राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे का क्या है इतिहास, नहीं तो जानिए-

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- पहला ध्वज 7 अगस्त 1906 को कोलकाता में फहराया गया था। इस पर लाल, पीले और हरे रंग की क्षैतिज पट्टियां थीं।

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- दूसरा ध्वज 1907 में पेरिस में मैडम कामा और उनके साथ निर्वासित क्रांतिकारियों द्वारा फहराया गया था।

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- तीसरा ध्वज 1917 में डॉ. एनी बेसेंट और लोकमान्य तिलक ने घरेलू शासन आंदोलन के दौरान फहराया।

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- चौथा ध्वज अखिल भारतीय कांग्रेस के सत्र के दौरान 1921 में बेजवाड़ा (अब विजयवाड़ा) में फहराया गया।

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- पांचवां ध्वज वर्ष 1931 में फहराया गया। यह ध्वज भारतीय राष्ट्रीय सेना का संग्राम चिन्ह भी था।

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- 23 जून 1947 को ध्वज (वर्तमान तिरंगा) को आकार देने के लिए एक अस्थायी समिति का गठन हुआ था।

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- 22 जुलाई, 1947 को इसे आधिकारिक रूप से अपनाया गया और पहली बार 15 अगस्त, 1947 को फहराया गया था।

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- 23 जनवरी, 2004 के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद विभिन्न अवसरों पर तिरंगे को स-सम्मान स्वतंत्र रूप से फहराने का अधिकार मिला।

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