भगवद गीता युद्ध के बारे में क्या कहती है?

गीता जी, युद्ध को सिर्फ हिंसा नहीं, बल्कि आत्मिक संघर्ष और कर्तव्य का प्रतीक मानती है। आइए जानें युद्ध को लेकर गीता जी में क्या लिखा गया है...

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