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Written By अवनीश कुमार
Last Modified: बुधवार, 30 सितम्बर 2020 (20:04 IST)

श्रीकृष्ण जन्मभूमि केस : मथुरा की कोर्ट ने ईदगाह हटाने की याचिका को किया खारिज

श्रीकृष्ण जन्मभूमि केस : मथुरा की कोर्ट ने ईदगाह हटाने की याचिका को किया खारिज - Sri Krishna Janmabhoomi, Mathura, High Court, dispute, lawsuit, श्रीकृष्ण जन्मभूमि, मथुरा, हाईकोर्ट, विवाद, मुकदमा
मथुरा। उत्तरप्रदेश के मथुरा श्रीकृष्ण जन्मभूमि (krishna janmabhoomi) का स्वामित्व और शाही ईदगाह के निर्माण को लेकर डाली गई श्रीकृष्ण विराजमान द्वारा याचिका को सिविल जज सीनियर डिवीजन न्यायालय मथुरा ने खारिज कर दिया गया है।
दायर किए गए इस मुकदमे में 1968 में हुए समझौते और 1991 एक्ट में हुई टिप्पणी जिसमें 1947 से पहले धार्मिक स्थलों की स्थिति यथावत रखने और कोई भी विवाद न्यायालय में न सुनने के आदेश कारण माना है। अब वादी पक्ष इस मामले में अपनी हाईकोर्ट में दायर करने की तैयारी कर रहे हैं।

मिली जानकारी के अनुसार श्रीकृष्ण जन्मस्थान से शाही मस्जिद ईदगाह हटाने को लेकर श्रीकृष्ण विराजमान, अधिवक्ता रंजना अग्निहोत्री समेत 8 लोगों ने सिविल जज सीनियर डिवीजन छाया शर्मा की अदालत में दावा दायर किया था। आज मामले में सुनवाई के लिए वादी पक्ष रंजना अग्निहोत्री अन्य वादी और अपने अधिवक्ता हरिशंकर जैन और विष्णुशंकर जैन के साथ अदालत पहुंचीं।
इस दौरान वादी पक्ष ने कोर्ट में कहा कि श्रीकृष्ण जन्मस्थान की 13.37 एकड़ जमीन श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट के नाम है, शाही मस्जिद ईदगाह से समझौता श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ ने किया था। जमीन का मालिक ट्रस्ट है, ऐसे में सेवा संघ को समझौता करने का अधिकार ही नहीं है, समझौता अवैध है, समझौता रद्द किया जाए और केंद्र सरकार द्वारा बनाया गया वरशिप एक्ट 1991 यहां पर लागू नहीं हुआ होता है, क्योंकि 1968 में समझौता हुआ है और उसकी डिक्री 1973 में हुई है। एक्ट यहां लागू नहीं हो सकता है।
 
करीब 22 मिनट तक चली सुनवाई के बाद सिविल जज सीनियर डिवीजन न्यायालय ने कहा कि मुकदमा चलाने के लिए आप लोगों के पास पर्याप्त आधार नहीं है इसलिए आप का दावा खारिज किया जाता है। दावा खाली होने के बाद अब वादी पक्ष इस मामले में अपनी हाईकोर्ट में दायर करने की तैयारी कर रहे हैं।
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