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Last Updated : शनिवार, 19 दिसंबर 2020 (23:51 IST)

वाजपेयी की जयंती पर यूपी में 2500 से ज्‍यादा स्‍थानों पर 'किसान संवाद' आयोजित करेगी भाजपा

Atal Bihari Vajpayee, | वाजपेयी की जयंती पर यूपी में 2500 से ज्‍यादा स्‍थानों पर 'किसान संवाद' आयोजित करेगी भाजपा
लखनऊ। भारतरत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती 25 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी किसानों से संवाद करेंगे। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अनुसार उस दिन प्रदेश में सभी संगठनात्‍मक मंडलों समेत 2500 से अधिक स्‍थानों पर 'किसान संवाद' कार्यक्रम आयोजित करने का फैसला किया गया है।
भाजपा मुख्‍यालय से शुक्रवार को जारी बयान के अनुसार इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए पार्टी ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं। भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं प्रदेश प्रभारी राधा मोहन सिंह व प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने शनिवार को 'किसान संवाद' कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए यहां पार्टी के प्रमुख पदाधिकारियों के साथ बैठक की, साथ ही गोरखपुर, काशी, ब्रज व पश्चिम क्षेत्र के क्षेत्रीय अध्यक्षों व विधायकों के साथ वर्चुअल माध्यम से बैठक कर संवाद भी किया। बैठक का संचालन भाजपा के प्रदेश महामंत्री गोविन्द नारायण शुक्ला ने किया।
राधामोहन सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार गांव, गरीब, किसान को समर्पित सरकार है। उन्होंने कहा कि देश में किसानों के हितों में जितना कार्य मोदी सरकार कर रही है, उतना पहले हुआ होता है तो आज किसानों की स्थिति कहीं बेहतर होती।
उन्होंने नए कृषि कानूनों को लेकर विपक्ष द्वारा भ्रम व झूठ फैलाने का आरोप लगाते हुए कहा कि काफी विचार-विमर्श के बाद भारत की संसद ने कृषि सुधारों को कानूनी रूप दिया। इन सुधारों से न सिर्फ किसानों के अनेक बंधन समाप्त हुए हैं बल्कि उन्हें नए अधिकार और नए अवसर भी मिले हैं। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि नए कृषि सुधारों में किसानों को न केवल अनेक सुविधाएं प्राप्त होंगी बल्कि उन्हें नए अधिकार व अवसर भी मिलेंगे।
 
उन्होंने कहा कि विपक्ष केवल भ्रम व साजिश की राजनीति कर रहा है। यह स्पष्ट किया जा चुका है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की व्यवस्था जारी रहेंगी, नई व्यवस्था से किसानों को अपनी उपज बेचने के लिए अधिक विकल्प व सहूलियते प्राप्त हो सकेगी। सिंह ने कहा कि विपक्ष के लिए किसान वोट बैंक से अधिक कभी कुछ नहीं रहे जबकि हमारे लिए किसान हमारी रीति-नीति व विश्वास का केंद्रबिंदु है। (भाषा)
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