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Written By हिमा अग्रवाल
Last Updated : बुधवार, 30 सितम्बर 2020 (15:04 IST)

गैंगरेप पीड़िता के गांव में आक्रोश, सड़कों पर हंगामा, मंत्री-सांसद के खिलाफ लगे गोबैक के नारे

गैंगरेप पीड़िता के गांव में आक्रोश, सड़कों पर हंगामा, मंत्री-सांसद के खिलाफ लगे गोबैक के नारे - Hathras rape case
हाथरस। उत्तर प्रदेश में हाथरस (Hathras) की गैंगरेप पीड़िता ने मंगलवार की देर रात दम तोड़ दिया। बीती रात्रि में लगभग एक बजे पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों की मौजूदगी में गांव में शव को लाया गया और हैवानियत का शिकार बनी 19 साल की युवती का जबरन अंतिम संस्कार करा दिया गया। जबरन अंतिम संस्कार कराने से नाराज ग्रामीणों और दलितों का आक्रोश आज सड़कों पर फूट पड़ा।
 
बीती 14 सितंबर को चार दबंगों की हैवानियत का शिकार बनी 19 साल की युवती की मौत हो गई। उसका आखिरी बार चेहरा देखने के लिए परिवार बिलखता रहा। पुलिस के आगे उनकी एक न चली। रात के अंधेरे में ढाई बजे के आसपास जबरन अंतिम संस्कार कर दिया गया।
 
आरोप है कि पुलिस ने ये अंतिम संस्कार खुद ही कर दिया और पीड़ित के परिवार का कोई सदस्य मौजूद नही था। जिसके बाद गांव में तनाव उपज गया।
 
आज सुबह से ही दलित समाज में आक्रोश की ज्वाला पनप रही थी, जिसके चलते वह सड़कों पर आ गए और बाजार बंद करा दिया। वही सफाईकर्मियों ने पीड़िता को न्याय दिलाने के समर्थन में सफाई की हड़ताल शुरू कर दी है। लोग अपने घरों से बैनर और तख्ती लेकर सड़कों पर निकल पड़े। इस दौरान कई बार उनके और पुलिस के बीच जमकर झड़प भी हुई।
 
प्रदर्शनकारियों ने योगी सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए होश खो दिया, पुलिस पर पथराव करने के साथ वाहनों में आगजनी का प्रयास भी किया। तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए आलाधिकारियों ने मौके पर अतिरिक्त फोर्स तैनात की। आंदोलनकारियों को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के गोले और बल प्रयोग किया गया।
 
ये घटनाक्रम थाना सदर कोतवाली क्षेत्र के तालाब चौराहा सासनी गेट का है। जहां आज सुबह से ही दलित समाज के दुष्कर्म पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए हाथ में तख्ती, बैनर और पोस्टर लेकर खड़े थे। स्थानीय पुलिस-प्रशासन ने उन्हें सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने से रोका, वही दूसरी तरफ पुलिस ने जुलूस को मेंडु रोड पर रोकने की कोशिश की। फिर क्या था, देखते ही देखते सड़कों पर संघर्ष शुरू हो गया।
 
प्रदर्शनकारियों ने अपना संतुलन खोते हुए पुलिस पर पथराव कर दिया। गुस्साए लोगों को शांत करने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ते हुए लाठीचार्ज करना पड़ा। इस दौरान कई प्रदर्शनकर्ता घायल भी हुए है।  
 
गांव में आज पीड़ित परिवार में शोक संवेदना देने के लिए प्रभारी मंत्री भूपेंद्र चौधरी, सांसद राजवीर दिलेर, सदर विधायक हरिशंकर माहौर पहुंचे तो उनको विरोध का सामना करना पड़ा। गुस्साएं ग्रामीणों और पीड़ित परिवार के लोगों ने मंत्री व सांसद का विरोध करते हुए गोबैक के नारे लगाए। मृतक पीड़िता के परिवार ने मंत्री और अधिकारियों के सामने कहा कि उनकी बच्ची के साथ गैंगरेप हुआ है, आरोपियों ने पीड़िता की रीड़ की हड्डी तोड़ते हुए जीभ काट डाली थी। इसलिए आरोपियों को फांसी मिलनी चाहिए और इस पूरे मामले में लापरवाही बरतने वाले पुलिस अधिकारियों पर भी सख्त एक्शन होना चाहिए।
 
भले ही सरकार पीड़िता की मौत के बाद 10 लाख का मुआवजा देकर मरहम लगाने का प्रयास करें। लेकिन जब तक दंबगों को बीच पुलिस का खौंफ पैदा नही होगा, तब तक ऐसी वारदातों को रोकना मुश्किल होगा।