गुरुवार, 25 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. उत्तर प्रदेश
  4. bulandshahr news shopkeeper selling shoes written by caste case registered
Written By
Last Modified: बुधवार, 6 जनवरी 2021 (09:56 IST)

UP में 'ठाकुर' लिखे जूते बेच रहा दुकानदार हिरासत में, कंपनी पर भी दर्ज हुआ केस

UP में 'ठाकुर' लिखे जूते बेच रहा दुकानदार हिरासत में, कंपनी पर भी दर्ज हुआ केस - bulandshahr news shopkeeper selling shoes written by caste case registered
बुलंदशहर। गाड़ियों पर जाति लिखने वालों पर उत्तरप्रदेश की योगी सरकार ने सख्ती अपना रखी है। पुलिस चेकिंग कर ऐसे वाहनों के चालान कर रही है।

इसी बीच बुलंदशहर में जूतों पर जाति लिखने का मामला सामने आया है। मामला सामने आने के बाद प्रदेशभर में हड़कंप मच गया है। एक दुकानदार सड़क पर जूते रखकर बेच रहा था। कुछ राहगीर जूते खरीदने के लिए रुके तो सकते में रह गए, क्योंकि जूतों के सोल पर 'ठाकुर'  लिखा था।

जूते पर बिरादरी लिखे होने के कारण दुकानदार और खरीदारों के बीच वाद-विवाद भी हुआ। बुलंदशहर के गुलावठी थाने में विशाल चौहान नाम के युवक ने शिकायत की। उसने शिकायत में लिखा कि वह टाउन स्कूल के निकट नासिर की दुकान पर जूते खरीदने के लिए रुका।

जूते पसंद करते हुए उसकी नजर एक जूते के सोल पर गई। सोल पर 'ठाकुर' लिखा हुआ था। उसने अधिकांश जूते देखे तो सभी के सोल के नीचे ठाकुर लिखा हुआ मिला। इसके बाद उसका माथा ठनका और उसने जूते पर बिरादरी लिखे होने का दुकानदार से विरोध किया।

विरोध करने पर दुकानदार नासिर ने उसके साथ दुर्व्यवहार करते हुए मारपीट शुरू कर दी। इस पर भी उसका मन नहीं भरा और वह बोला कि भविष्य में भी इसी प्रकार जातिसूचक शब्दों वाले फुटवियर बेचेगा।

पुलिस ने विशाल चौहान की शिकायत पर दुकान संचालक नासिर निवासी रामनगर गुलावठी और अज्ञात में जूते बनाने वाली फैक्टरी मालिक के खिलाफ IPC की धारा 153A, 323,  504 के अंतर्गत थाना गुलावठी में मुकदमा दर्ज करा दिया है।

खबरों के अनुसार जूता बनाने वाली कंपनी पर भी केस दर्ज कर लिया गया है। पुलिस इस मामले भी भी जांच कर रही है कि जूते के पीछे 'ठाकुर' लिखने का मकसद क्या है, जूता बनाने वाला कौन है? जूते बेचने वाले नासिर का कहना है कि वह दिल्ली से जूते खरीदकर लाता और बेचता है। 'ठाकुर' शब्द से उसका कोई लेना-देना नहीं है। पुलिस ने दुकानदार को हिरासत में ले लिया है। हिन्दू संगठनों ने भी इसका कड़ा विरोध किया है।
ये भी पढ़ें
मध्यप्रदेश में 20 जनवरी से वर्चुअल नहीं रेगुलर चलेगी कॉलेज की क्लास