गुरुवार, 18 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. लाइफ स्‍टाइल
  2. »
  3. उर्दू साहित्‍य
  4. »
  5. शेरो-अदब
  6. रहिये अब ऐसी जगह चलकर
Written By WD

रहिये अब ऐसी जगह चलकर

ग़ालिब की ग़ज़ल

Ghalib Mirza ghalib Gazal | रहिये अब ऐसी जगह चलकर
WD
WD
रहिये अब ऐसी जगह चलकर, जहाँ कोई न हो
हम सुख़न कोई न हो और हम ज़ुबाँ कोई न हो

बेदर-ओ-दीवार सा इक घर बनाना चाहिए
कोई हमसाया न हो और पासबाँ कोई न हो

पड़िए गर बीमार, तो कोई न हो तीमारदार
और अगर मर जाइए, तो नौहाख़्वाँ कोई न हो