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Last Updated : रविवार, 16 जनवरी 2022 (20:03 IST)

निषाद पार्टी का ऐलान, BJP के साथ बनी बात, 15 सीटों पर लड़ेगी चुनाव

निषाद पार्टी का ऐलान, BJP के साथ बनी बात, 15 सीटों पर लड़ेगी चुनाव - nishad party will contest in 15 assembly seats in up election 2022 with bjp alliance sanjay nishad
लखनऊ। निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद ने कहा कि उनकी पार्टी भाजपा के साथ गठबंधन करके उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव में 15 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारेगी।
 
निषाद ने कहा कि वह सोमवार को दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह तथा भाजपा के अन्य वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात करेंगे। 
 
उन्होंने कहा कि इस दौरान यह तय किया जाएगा कि वे 15 सीटें कौन सी होंगी जिन पर निषाद पार्टी अपने उम्मीदवार उतारेगी।
 
निषाद ने पीटीआई से बातचीत में कहा कि उत्तरप्रदेश की 403 में से 15 सीटें हमें भाजपा के साथ गठबंधन के तहत मिली हैं। इनमें से ज्यादातर सीटें पूर्वांचल की हैं जबकि पश्चिमांचल से भी कुछ सीटें मिली हैं। बदलते राजनीतिक समीकरणों की वजह से हम कुछ सीटों पर बदलाव चाहते हैं। हम सीट पर नहीं बल्कि जीत पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। 
निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल (निषाद पार्टी) का गठन वर्ष 2016 में हुआ था और इसके नेताओं का दावा है कि उन्हें अन्य पिछड़ा वर्ग के प्रभावशाली निषाद समुदाय का समर्थन हासिल है।
 
संजय निषाद ने कहा कि उनकी पार्टी ने पूरे प्रदेश में अपना जनाधार बनाया है और खास तौर पर गोरखपुर, बलिया, संत कबीर नगर, अंबेडकर नगर, जौनपुर, भदोही, सुल्तानपुर, अयोध्या, चित्रकूट, झांसी, बांदा, हमीरपुर और इटावा जिलों में उसका खासा प्रभाव है।
 
निषाद पार्टी ने वर्ष 2017 में हुए पिछले विधानसभा चुनाव में पीस पार्टी, अपना दल और जन अधिकार पार्टी के साथ गठबंधन करके 100 सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे लेकिन उसे भदोही के ज्ञानपुर के रूप में एकमात्र सीट हासिल हुई थी।
 
हाल ही में विधान परिषद सदस्य बनाए गए निषाद ने गोरखपुर ग्रामीण क्षेत्र से पिछला विधानसभा चुनाव लड़ा था और वह तीसरे स्थान पर रहे थे। वर्ष 2018 के गोरखपुर लोकसभा उपचुनाव में संजय के बेटे प्रवीण निषाद समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार थे और उन्होंने वहां भाजपा को शिकस्त दी थी। प्रवीण निषाद इस वक्त संत कबीर नगर से भाजपा के सांसद हैं।
 
निषाद बिरादरी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कर्मभूमि गोरखपुर में दूसरा सबसे बड़ी आबादी वाला समुदाय है। विपक्षी दल आरोप लगा रहे हैं कि भाजपा निषाद पार्टी के टिकट पर बाहुबली और माफिया लोगों को चुनाव मैदान में उतारने की तैयारी कर रही है। 
 
इस बारे में पूछे जाने पर निषाद ने कहा कि हम हर उम्मीदवार की छवि और पार्टी कार्यकर्ताओं में उसकी स्वीकार्यता का आकलन करेंगे। अगर कार्यकर्ता और लोग उस उम्मीदवार को पसंद करेंगे तो उसे मौका दिया जा सकता है। 
 
पिछड़े वर्ग के कुछ बड़े नेताओं के भाजपा छोड़कर सपा में शामिल होने के बारे में उन्होंने कहा कि उन नेताओं की कोई लोकप्रियता नहीं थी। विभिन्न कार्यक्रमों के दौरान वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तारीफ करते नहीं थकते थे। अब वे चुनाव आचार संहिता लागू होने के बाद शक्तिहीन हो गए थे। इसी वजह से उन्होंने पार्टी छोड़ दी।
 
निषाद ने एक अन्य सवाल पर कहा कि ऐसा लगता है कि आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा और सपा की सीधी टक्कर होगी लेकिन सत्तारूढ़ गठबंधन एक बार फिर तीन सौ से ज्यादा सीटें जीतेगा।" समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन करके आगामी विधानसभा चुनाव लड़ने जा रही सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर पर निशाना साधते हुए निषाद ने कहा, "राजभर को तो उन्हीं के क्षेत्र के लोग महत्त्व नहीं देते हैं, तो बाकी का क्या कहा जाए।
 
चुनाव आयोग द्वारा कोविड-19 महामारी के मद्देनजर चुनावी रैलियों पर रोक लगाए जाने के बारे में पूछे जाने पर निषाद ने कहा कि हमारी पार्टी में युवा कार्यकर्ताओं की फौज है जो सोशल मीडिया का काफी इस्तेमाल करती है। प्रदेश के 70 जिलों में पार्टी के डिजिटल कार्यालय काम कर रहे हैं। पार्टी ट्विटर, फेसबुक और व्हाट्सएप जैसे सोशल मीडिया मंचों पर काफी सक्रिय है।