शुक्रवार, 19 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. बजट 2022-23
  3. बजट न्यूज़ 2022
  4. Congress's demand from the central government regarding the budget
Written By
Last Updated : सोमवार, 24 जनवरी 2022 (17:36 IST)

कांग्रेस ने की केंद्र सरकार से मांग, बजट आर्थिक असमानता दूर करने पर हो केंद्रित

कांग्रेस ने की केंद्र सरकार से मांग, बजट आर्थिक असमानता दूर करने पर हो केंद्रित - Congress's demand from the central government regarding the budget
नई दिल्ली। कांग्रेस ने आर्थिक असमानता बढ़ने का दावा करने वाले एक सर्वेक्षण का हवाला देते हुए सोमवार को आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी सरकार की 'आर्थिक महामारी' के शिकार देश के गरीब और मध्यम वर्ग के लोग बने हैं। मुख्य विपक्षी दल ने यह भी कहा कि इस बार का आम बजट गरीबी और अमीरी के बीच खाई को पाटने पर केंद्रित हो तथा सरकार 'ग्रॉस इकॉनॉमिक मिस मैनेजमेंट इंडेक्स' (सकल आर्थिक कुप्रबंधन सूचकांक) की शुरुआत करे ताकि आर्थिक असामनता की सच्चाई सामने आ सके।

 
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट किया कि कोविड महामारी पूरे देश ने झेली, लेकिन गरीब वर्ग व मध्यम वर्ग मोदी सरकार की 'आर्थिक महामारी' के भी शिकार हैं। अमीर-गरीब के बीच बढ़ती ये खाई खोदने का श्रेय केंद्र सरकार को जाता है।
 
'पीपल्स रिसर्च ऑन इंडियाज कंज्यूमर इकॉनॉमी' के सर्वेक्षण में कहा गया है कि गत 5 वर्षों में सबसे गरीब 20 प्रतिशत भारतीय परिवारों की सालाना घरेलू आय करीब 53 प्रतिशत कम हो गई। इसी तरह निम्न मध्यम वर्ग के 20 प्रतिशत लोगों की घरेलू आय भी 32 प्रतिशत घट गई। इस सर्वेक्षण के अनुसार गत 5 वर्षों के दौरान देश के सबसे अमीर 20 प्रतिशत लोगों की आय 39 प्रतिशत बढ़ गई।

 
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने भी इस सर्वेक्षण को लेकर ट्वीट किया कि मोदी सरकार सिर्फ़ अमीरों के लिए है! यह अब सामने है (गरीब और गरीब) 'हम दो हमारे दो' की चांदी। पिछले 5 साल में सबसे गरीब लोगों की आय 53 प्रतिशत कम, निम्न मध्यम वर्ग की आय 32 प्रतिशत कम, अमीरों की आय 39 प्रतिशत बढ़ी। गरीब-मध्यम वर्ग पर मार, मोदी सरकार है अमीरों की सरकार!
 
पार्टी प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि पहले ऑक्सफैड इंडिया की रिपोर्ट आई। अब 'पीपल्स रिसर्च ऑन इंडियाज कंज्यूमर इकॉनॉमी' की ओर से किया गया सर्वेक्षण सामने आया है जिससे साबित होता है कि मोदी सरकार में अमीरी और गरीबी के बीच खाई बढ़ती जा रही है।
 
उन्होंने कहा कि इस सर्वेक्षण से साबित होता है कि देश की 60 प्रतिशत आबादी 5 साल पहले की अपनी कमाई के मुकाबले अब कम कमा रही है। सुप्रिया ने कहा कि एक के एक बाद जो सर्वेक्षण आ रहे हैं, उससे साबित होता कि अर्थव्यवस्था में कुछ गंभीर समस्याएं हैं और इसके लिए यह सरकार पूरी तरह जिम्मेदार है।
 
कांग्रेस प्रवक्ता ने सरकार से आग्रह किया कि इस बार के बजट का सिर्फ एक केंद्रबिंदु होना चाहिए कि अमीरों और गरीबों के बीच खाई कैसे पाटी जाए और लोगों के हाथ में पैसे दिए जाएं। अगर यह नहीं होता है तो बजट सिर्फ जबानी जमाखर्च होगा। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को एक नए सूचकांक 'ग्रॉस इकॉनॉमिक मिसमैनेजमेंट इंडेक्स' की शुरुआत करनी चाहिए ताकि पता किया जा सके कि इस सरकार ने कैसे निवेश, उपभोग और निर्यात प्रभावित किया है।
ये भी पढ़ें
मजबूत हाजिर मांग से सोना वायदा कीमतों में तेजी, 48441 रुपए प्रति 10 ग्राम हुआ