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Last Modified: शनिवार, 1 फ़रवरी 2020 (21:45 IST)

बजट में क्या हुआ महंगा और क्या हुआ सस्ता...

बजट में क्या हुआ महंगा और क्या हुआ सस्ता... - What happened in the budget was expensive and what became cheap
नई दिल्ली। पूरे देश की दिलचस्पी शनिवार को इसमें थी कि संसद में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2020-21 के बजट (Budget) को पेश करते हुए क्या सस्ता किया और क्या महंगा। निर्मला सीतारमण ने दीवारों पर टंगने वाले पंखों, कप प्लेट जैसे टेबल (टेबलवेयर) और किचन में उपयोग होने वाले उत्पादों पर सीमा शुल्क बढ़ाने की घोषणा की।
 
वित्त मंत्री ने ने कच्ची चीनी, वानिकी-पशु आधारित उत्पादों, स्किम्ड दूध, कुछ अल्कोहल युक्त पेय पदार्थ, सोया फाइबर और सोया प्रोटीन पर दिए जाने वाली सीमा शुल्क छूट को वापस ले लिया है।
 
दीवालों पर लगने वाले पंखों पर सीमा शुल्क 7.5 प्रतिशत से 20 प्रतिशत जबकि टेबल और किचन में उपयोग होने वाले चीनी सेरेमिक, क्ले आयरन, इस्पात और तांबा के बने उत्पादों पर सीमा शुल्क दोगुना कर 20 प्रतिशत कर दिया गया है।
 
इसके अलावा कैटालिटिक कनर्वटर, इलेक्ट्रिक वाहनों को छोड़कर वाणिज्यिक वाहनों के कल-पुर्जों पर भी सीमा शुल्क बढ़ाया गया है। साथ ही एमएसएमई क्षेत्र की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए जूता-चप्पल और फर्नीचरों जैसे मदों पर सीमा-शुल्क बढ़ाने का प्रस्ताव किया गया है।
 
वहीं दूसरी तरफ विभिन्न उपयोग वाले बेहतर क्षमता के प्लास्टिक के उत्पादन में उपयोग होने वाले प्यूरिफाइड टेरापैथिक एसिड (पीटीए) पर डंपिंग रोधी शुल्क को समाप्त कर दिया गया है। यह वस्त्र के रेशों एवं धागों के लिए महत्वपूर्ण साधन है।
 
बजट में ई-वाणिज्य कंपनियों को ई-वाणिज्य प्रतिभागियों को किए जाने वाले सभी भुगतान पर टीडीएस में कटौती की व्यवस्था का प्रस्ताव किया गया है। पैन/आधार के साथ यह कटौती 1 प्रतिशत जबकि इसके बिना 5 प्रतिशत करनी होगी। इसके अलावा व्यक्तिगत आयकर दरों/स्लैबों में भी बदलाव किया गया है।
 
जो आयकरदाता आयकर कानून की धारा 80 सी (भविष्य निधि, एलआईसी प्रीमियम आदि), 80 डी (स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम), एलटीसी, आवास भत्ता समेत अन्य छूट नहीं लेते हैं, वे नई आयकर श्रेणी का विकल्प चुन सकेंगे।
 
वित्त मंत्री ने स्वास्थ्य सेवाओं के लिए संसाधन सृजन पर जोर देते हुए 5 प्रतिशत स्वास्थ्य अधिभार लगाने का प्रस्ताव किया है। इस अधिभार से प्राप्त राशि का उपयोग जिलों में स्वास्थ्य सेवाओं के लिए ढांचागत सुविधा निर्माण में किया जाएगा।