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Last Updated : शनिवार, 7 अगस्त 2021 (23:34 IST)

टोक्यो ओलंपिक में भारत ने पाई अपनी बेस्ट मेडल टेली, पहली बार रैंक भी 50 से नीचे

टोक्यो ओलंपिक में भारत ने पाई अपनी बेस्ट मेडल टेली, पहली बार रैंक भी 50 से नीचे - India bags its best medal tally in Tokyo Olympics 2020
टोक्यो ओलंपिक में भारत अब तक की सर्वश्रेष्ठ मेडल टेली पाने के लिए उतरी थी। इसका प्रमुख कारण था 128 खिलाड़ियों का भारत का सबसे बड़ा दल। वहीं भारत को अपने अनुभवी खिलाड़ियों से भी उम्मीद थी कि इस बार कई खिलाड़ी जैसे शरत कमल, सानिया मिर्जा, मैरी कॉम अपना चौथा ओलंपिक खेल रहे थे।

भारत की शुरुआत भी बेहतरीन रही और भारत की एकमात्र वेटलिफटर मीराबाई चानू ने 49 किलो ग्राम वर्ग में सिल्वर मेडल जीतकर पहले ही दिन भारत का खाता खोल दिया। वह ओलंपिक में मेडल जीतने वाली दूसरी भारतीय वेटलिफटर बनी। 
 
इसके बाद भारत को दूसरे पदक के लिए एक लंबा इंतजार करना पड़ा। टेबल टेनिस हो या आर्चरी, टेनिस हो या फिर रोइंग भारत की चुनौती एक के बाद एक खेलों से खत्म होती चली गई। सबसे ज्यादा निराश किया निशानेबाजी दल ने जहां से एक भी पदक नहीं आया। स्टार शूटर मनु भाकर और सौरभ चौधरी ने निराशाजनक प्रदर्शन किया। 
 
करीब एक हफ्ते बाद रियो ओलंपिक में सिल्वर मेडल जीत चुकी पीवी सिंधु ने पिछली बार की तरह भारत को दूसरा पदक दिलाया। चीनी ताइपे की ताई जू यिंग से हार चुकी सिंधु ने ब्रॉन्ज मेडल मैच में कोई गलती नहीं की और सीधे सेटों में चीन की बिंग जियाओ को 21-13, 21-15 से हराकर ब्रॉन्ज मेडल जीता। सिंधु दूसरा ओलंपिक मेडल अपने नाम करने वाली दूसरी भारतीय और पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बनी।
 
पूर्वोत्तर की एक और खिलाड़ी लवलीना बोर्गना ने भारत के लिए मुक्केबाजी में कांस्य पदक जीता। स्टार बॉक्सर मैरी कॉम के बाहर होने के बाद भारत के लिए यह खुशखबरी थी। अपना पहला ओलंपिक खेल रही लवलीना फाइनल में तो नहीं पहुंच सकी लेकिन सेमीफाइनल में पहुंचने पर वह पहले ही एक पदक पक्का कर चुकी थी। 69 किग्रा वर्ग के क्वार्टफाइनल में उन्होंने निएन चिन चें को 4-1 से हराया। हालांकि सेमीफाइनल में वह तुर्की की मुक्केबाज सुरमेनेली से हार गयीं। 
 
इसके बाद कुश्ती में भारत के रवि दहिया ने अपना पदक पक्का किया। हालांकि 57 किलो ग्राम वर्ग में वह रूस ओलंपिक समिति के पहलवान जावुर युवुगेव से 4-7 से हार गए। लेकिन इसके बावजूद वह सिल्वर मेडल जीतने में कामयाब रहे। पहलवान सुशील कुमार के बाद वह ओलंपिक में सिल्वर मेडल जीतने वाले दूसरे भारतीय पहलवान बने।
भारतीय हॉकी स्टिक लाई रंग 41 साल बाद 
 
इस ओलंपिक में जिस खेल ने भारतीय फैंस को सबसे ज्यादा खुशियां दी वह रहा हॉकी। भारतीय पुरुष टीम ने 41 साल और 9 ओलंपिक का सूखा खत्म कर ब्रॉन्ज मेडल मैच में जर्मनी को 5-4 से हराया। इस जीत पर पूरा देश खुशी से झूम उठा। कप्तान मनप्रीत से लेकर गोलकीपर श्रीजेश की मेहनत से भारत हॉकी में मेडल जीत पाया।
 
अपने शुरुआती 3 मैच हार चुकी भारतीय महिला हॉकी टीम ने भी शानदार प्रदर्शन किया और अंतिम 4 में जगह बनाई। हालांकि ब्रॉन्ज मेडल मैच में हुए एक कड़े मुकाबले में ग्रेट ब्रिटेन से उसको 3-4 से हार झेलनी पड़ी लेकिन इस ओलंपिक में टीम ने उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन किया।
भारत को एथलेटिक्स में हमेशा की तरह निराशा हाथ लगी। भारत की मशहूर धाविका दुत्ती चंद जल्द ही बाहर हो गई। कमलप्रीत डिस्कस थ्रो के फाइनल में पहुंची पर पदक जीतने में नाकाम रही। ट्रैक और फील्ड दोनों ही इवेंट में भारत का बुरा हाल हो रहा था लेकिन पिक्चर अभी बाकी थी । 

क्रिकेट जैसी फिनिश ओलंपिक में
 
भारतीय क्रिकेट फैंस भी इस बार ओलंपिक देखने में मशगूल थे और क्रिकेट की तरह ही यह टोक्यो ओलंपिक भारत के लिए खत्म हुआ। 1 दिन में दो मेडल जीतकर भारत ने इतिहास रचा। पहले बजरंग पुनिया ने कजाकिस्तान के पहलवान को हराया और इसके बाद जैवलिन थ्रो में नीरज चोपड़ा ने भारत को पहली बार 87.58 मीटर तक जैवलिन फेंक कर एथलेटिक्स में भारत का खाता खोला। एकल प्रतियोगिता में ओलंपिक गोल्ड मेडल जीतने वाले वह अभिनव बिंद्रा के बाद दूसरे भारतीय खिलाड़ी बने।
भारत टोक्यो ओलंपिक में 7 मेडल जीत चुका है जिसमें से 1 गोल्ड, 2 सिल्वर और 4 ब्रॉन्ज है। भारत का यह ओलंपिक में सर्वश्रेष्ठ पदर्शन है। पदक तालिका में 47 वें स्थान पर आ गया और कुल पदकों के लिहाज से उसे पदक तालिका में 31वां स्थान मिला। टोक्यो ओलंपिक में  भारत 2012 के लंदन ओलम्पिक में अपने छह पदकों के पिछले सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के साथ 57वें स्थान पर रहा था।