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Last Updated : रविवार, 10 अक्टूबर 2021 (17:19 IST)

टी-20 विश्व कप में पहली बार DRS का होगा प्रयोग, 1 पारी में 2 बार अंपायर के फैसले को चुनौती दे सकेगा कप्तान

टी-20 विश्व कप में पहली बार DRS का होगा प्रयोग, 1 पारी में 2 बार अंपायर के फैसले को चुनौती दे सकेगा कप्तान - DRS to be included for the first time in T20 world cup
दुबई:टी-20 विश्व में पहली बार डिसिज़न रिव्यू सिस्टम (डीआरएस) का उपयोग किया जाएगा। अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) की गवर्निंग बॉडी ने इस बात की घोषणा करते हुए कहा कि इस महीने के अंत में शुरू हो रहे आईसीसी टी-20 विश्व कप में डीआरएस की सुविधा उपलब्ध रहेगी।

आगामी टी-20 विश्व कप के लिए इस सप्ताह आईसीसी द्वारा जारी की गई खेल की शर्तों के अनुसार, प्रत्येक टीम को प्रति पारी अधिकतम दो रिव्यू लेने का म़ौका मिलेगा। गवर्निंग बॉडी ने पिछले साल जून में सभी प्रारूपों के एक मैच की प्रत्येक पारी में, प्रत्येक टीम के लिए एक अतिरिक्त डीआरएस की पुष्टि की थी। "कोविड 19 की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए कई बार ड्यूटी पर कम अनुभवी अंपायर हो सकते हैं" इसीलिए प्रत्येक टीम के लिए प्रति पारी असफल अपीलों के लिए वनडे और टी-20 मैचों दो और टेस्ट के लिए तीन डीआरएस की समीक्षा सुविधा देने का निर्णय लिया था।

इसके साथ ही आईसीसी ने मैच में देरी और बारिश से बाधित मैचों के लिए न्यूनतम ओवरों की संख्या बढ़ाने का भी फ़ैसला किया है। टी-20 विश्व कप के ग्रुप चरण के दौरान प्रत्येक टीम को डीएलएस पद्धति से परिणाम तय करने के लिए कम से कम पांच ओवर बल्लेबाज़ी करनी होगी। हालांकि सेमीफ़ाइनल और फ़ाइनल के लिए प्रत्येक टीम को परिणाम तय करने के लिए कम से कम 10 ओवर बल्लेबाज़ी करनी होगी।

पुरुषों के टी-20 विश्व कप में इससे पहले डीआरएस का उपयोग नहीं किया गया था क्योंकि इस इवेंट का अंतिम संस्करण 2016 में हुआ था जब टी-20 में डीआरएस नहीं था। 2018 महिला टी-20 विश्व कप आईसीसी का पहला टूर्नामेंट था जिसमें डीआरएस उपलब्ध था। इस प्रतियोंगिता में प्रत्येक टीम के पास एक रिव्यू उपलब्ध था। ऑस्ट्रेलिया में महिला टी-20 विश्व कप के 2020 संस्करण में फिर से उसी का उपयोग किया गया था।

डीआरएस अंपायरों द्वारा निर्णय लेने में ग़लती होने के मार्जिन को कम करने के लिए बनाया गया था। इस नियम के ज़रिए अगर कोई खिलाड़ी अंपायर के फै़सले से नाख़ुश है तो वह रिव्यू ले सकता है। इसके बाद फ़ील्ड अंपायर तीसरे अंपायर से परामर्श लेते हैं। पुरुष क्रिकेट की बात की जाए तो इसका प्रयोग 2017 के बाद से आईसीसी के प्रमुख प्रतियोगिताओं में किया जा रहा है।

आईसीसी के नियमों के तहत, पुरुषों और महिलाओं दोनों के अंतर्राष्ट्रीय मैचों में डीआरएस का उपयोग द्विपक्षीय श्रृंखला के लिए भाग लेने वाले दोनों बोर्ड के विवेक पर है कि वह इस प्रणाली का प्रयोग करना चाहते हैं या नहीं।

हाल ही में ICC ने रिव्यू सिस्टम में किए थे यह  बड़े बदलाव

आईसीसी ने बयान में कहा था, ‘‘पगबाधा के रिव्यू के लिए विकेट जोन की ऊंचाई को बढ़ाकर स्टंप के शीर्ष तक कर दिया गया है।’’इसका मतलब हुआ कि अब रिव्यू लेने पर बेल्स के ऊपर तक की ऊंचाई पर गौर किया जाएगा जबकि पहले बेल्स के निचले हिस्से तक की ऊंचाई पर गौर किया जाता था। इससे विकेट जोन की ऊंचाई बढ़ जाएगी।

पगबाधा के फैसले की समीक्षा पर निर्णय लेने से पहले खिलाड़ी अंपायर से पूछ पाएगा कि गेंद को खेलने का वास्तविक प्रयास किया गया था या नहीं।

बयान में कहा गया था, ‘‘तीसरे अंपायर शॉर्ट रन की स्थिति में रीप्ले में इसकी समीक्षा कर पाएगा और अगर कोई गलती होती है तो अगली गेंद फेंके जाने से पहले इसे सही करेगा।’’साथ ही फैसला किया गया कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट बहाल करने के लिए 2020 में लागू किए गए अंतरिम कोविड-19 नियम जारी रहेंगे।

आईसीसी ने विज्ञप्ति में कहा था, ‘‘समिति ने पिछले नौ महीने में घरेलू अंपायरों के शानदार प्रदर्शन पर गौर किया है लेकिन जहां भी हालात के कारण संभव हो वहां तटस्थ एलीट पैनल अंपायरों की नियुक्ति को प्रोत्साहन दिया है।
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