Last Modified: नई दिल्ली ,
शनिवार, 17 अक्टूबर 2015 (14:56 IST)
पैकियो को प्रभावित करने के बाद शिवा की निगाहें ओलंपिक सीट पर
नई दिल्ली। विश्व चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतने वाले तीसरे भारतीय मुक्केबाज बने शिव थापा ने इस दौरान किसी और को नहीं बल्कि मैनी पैकियो को भी प्रभावित किया और अब उनकी निगाहें विश्व मुक्केबाजी सीरीज के जरिए अगले साल होने वाले ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने पर लगी हैं।
बैंथमवेंट (56 किग्रा) के इस 21 वर्षीय मुक्केबाज से पहले विजेंदर सिंह (2009) और विकास कृष्ण (2011) ने विश्व चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीते थे। शिवा ने दोहा में कांस्य पदक जीता लेकिन वे ओलंपिक कोटा हासिल नहीं कर पाए। इससे हालांकि शिवा का आत्मविश्वास बढ़ा है और अब वे ओलंपिक कोटा हासिल करने के लिए बेताब हैं।
शिवा ने स्वदेश लौटने के बाद पीटीआई से कहा कि विश्व चैंपियनशिप के बाद निश्चित तौर पर मेरा आत्मविश्वास बढ़ा है। अब मुझे खुद पर इतना विश्वास हो गया कि मैं किसी भी मुक्केबाज का सामना कर सकता हूं चाहे वह कजाकिस्तान का हो या उज्बेकिस्तान का। कभी-कभी ड्रॉ से थोड़ा परेशानी होती थी लेकिन अब वह मेरे लिए कोई मायने नहीं रखता।
उन्होंने कहा कि मैं विश्व मुक्केबाजी सीरीज में कोई कसर नहीं छोड़ूंगा, क्योंकि उसके जरिए ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया जा सकता है इसलिए निश्चित तौर पर यह मेरे दिमाग में है। यदि वहां ऐसा नहीं होता तो फिर एशियाई ओलंपिक क्वालीफायर्स भी मार्च में होने हैं। (भाषा)