गुरुवार, 25 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. खेल-संसार
  2. अन्य खेल
  3. समाचार
  4. P. Gopichand, Indian badminton team, Rio Olympics
Written By
Last Modified: नई दिल्ली , बुधवार, 20 जुलाई 2016 (17:15 IST)

ड्रॉ नहीं बल्कि दबाव में जीतना मायने रखता है : गोपीचंद

ड्रॉ नहीं बल्कि दबाव में जीतना मायने रखता है : गोपीचंद - P. Gopichand, Indian badminton team, Rio Olympics
नई दिल्ली। भारत के मुख्य बैडमिंटन कोच पुलेला गोपीचंद का मानना है कि अगर शटलर सचमुच पदक जीतने पर नजर लगाए हैं तो ड्रॉ मायने नहीं रखता और उन्होंने कहा कि 5 अगस्त से शुरू होने वाले रियो ओलंपिक में पदक जीतने के लिए खिलाड़ियों को दबाव में लगातार दो मैच अपने नाम करने होंगे।
कुल 7 भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ियों ने रियो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया है जिसमें  लंदन ओलंपिक की कांस्य पदकधारी साइना नेहवाल भी शामिल हैं। इन खिलाड़ियों के  प्रतिद्वंद्वी का फैसला 26 जुलाई को होने वाले ड्रॉ से तय होगा।
 
गोपीचंद ने यहां ग्रेटर नोएडा में अपनी अंतरराष्ट्रीय अकादमी लांच करने के मौके पर पत्रकारों से  कहा कि मेरा मानना है कि ड्रॉ मायने नहीं रखता, अगर आप सचमुच पदक पर निगाह लगाए  हो। आपके भले ही शुरू में या फिर क्वार्टर फाइनल राउंड खराब जा सकते हैं इसलिए मैं इस  बारे में चिंतित नहीं हूं। मैं जानता हूं कि तैयारियां काफी अच्छी चल रही हैं। 
 
उन्होंने कहा कि इस बार हमारा काफी बड़ा दल है। हमारे पुरुष युगल शटलरों ने भी महिला  युगल खिलाड़ियों के साथ क्वालीफाई किया है। हमारे पास साइना है जिसने लंदन में पदक  जीता था, जो काफी अनुभवी खिलाड़ी है। हमारे पास के. श्रीकांत और पीवी सिंधु हैं जिनके पास  भी मौका है। मेरा मानना है कि ओलंपिक में होने वाले दबाव में लगातार 2 अच्छे मैच जीतकर  ऐसा हो सकता है, क्योंकि कुछ भी संभव है।
 
साइना और ज्वाला गुट्टा-अश्विनी पोनप्पा की महिला युगल जोड़ी लंदन ओलंपिक में खेल चुकी  है लेकिन श्रीकांत, सिंधू और मनु अत्री-बी. सुमीत रेड्डी की पुरुष युगल जोड़ी के लिए यह पहला  अनुभव होगा। (भाषा)
ये भी पढ़ें
'ड्रिब्लिंग के जादूगर' मोहम्मद शाहिद का निधन