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Last Modified: इंचियोन , गुरुवार, 2 अक्टूबर 2014 (17:29 IST)

ओसीए ने सरिता का कांस्य बरकरार रखा

ओसीए ने सरिता का कांस्य बरकरार रखा - L. Sarita Devi
इंचियोन। एशियाई ओलंपिक परिषद ने एशियाई खेलों में भारतीय दल के अधिकारियों के साथ सुनवाई के बाद 60 किलोवर्ग में भारतीय मुक्केबाज एल. सरिता देवी का कांस्य पदक बरकरार रखने का फैसला किया।
 
भारतीय दल के प्रमुख आदिले सुमरिवाला ने कहा कि मैं सुबह ओसीए कार्यसमूह के समक्ष सुनवाई के लिए गया था और मैंने पदक समारोह के दौरान हुई घटना पर खेद जताया।
 
उन्होंने कहा कि मैंने उनसे कहा कि वह सब भावावेग में हुआ था। ओसीए ने सरिता देवी का कांस्य पदक बरकरार रखा है। पदक शुक्रवार सुबह हम तक पहुंच जाएगा।
 
लाइटवेट महिला मुक्केबाज सरिता 30 सितंबर को हुए सेमीफाइनल में दक्षिण कोरिया की जिना पार्क पर हावी थी, लेकिन जजों ने उसके खिलाफ फैसला सुनाया जिससे वह स्वर्ण पदक जीतने के मौके से महरूम हो गई।
 
सरिता ने पदक वितरण समारोह के दौरान हाथ में पदक लिया और रजत पदक विजेता पार्क के गले में पहनाकर पदक लिए बिना लौट गई। सुमरिवाला ने कहा कि उन्होंने ओसीए की स्वतंत्र पेनल द्वारा उस मुकाबले की समीक्षा की अपील की थी।
 
उन्होंने कहा कि मैंने ओसीए की स्वतंत्र पेनल द्वारा सरिता के मुकाबले की समीक्षा के लिए कहा था। अभी भी सरिता पर अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी संघ के प्रतिबंध का खतरा है और सुमरिवाला ने कहा कि उनकी प्राथमिकता ऐसा होने से रोकना है।
 
सोन ने कहा कि यह काफी खेदजनक है कि ऐसा हुआ और यह एशियाई एकजुटता के लक्ष्य के खिलाफ है, जो हमने खेलों से पहले अपने लिए तय किया था। यह साथ ही खेल भावना के खिलाफ है और यह हरकत अन्य खिलाड़ियों के अपमान को भी दर्शाती है। यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण घटना है।
 
उन्होंने कहा कि हमने सुनिश्चित किया है कि इन खेलों में घरेलू फायदे जैसी कुछ चीज नहीं हो। दर्शकों को मुक्केबाज के चेहरे पर खून दिख सकता है लेकिन यह मुक्के पर स्कोर देने के जजों की गणना से अलग हो सकता है।
 
इस अधिकारी ने कहा कि मुक्केबाजी में काफी विरोध किया गया लेकिन कोई औपचारिक शिकायत दर्ज नहीं हुई। हमने एआईबीए को लिखा है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि यह उस मैच में हुआ जिसमें कोरियाई खिलाड़ी शामिल था। (भाषा)