हवा ने रोअर दुष्यंत चौहान का स्वर्ण स्वप्न तोड़ा
इंचियोन। खराब मौसम ने भारतीय रोअर दुष्यंत चौहान के अंतरराष्ट्रीय आगाज पर स्वर्ण पदक जीतने का सुनहरा मौका छीन लिया और उन्हें 17वें एशियाई खेलों में पुरुषों के लाइट सिंगल स्कल्स में कांस्य से संतोष करना पड़ा।
सेना के रोअर दुष्यंत 2,000 मीटर के फासले तक अपने प्रतिद्वंद्वियों से काफी आगे था, लेकिन उन्होंने तेज हवाओं और बारिश के कारण इसके बाद लय खो दी और उनकी स्वर्ण पदक की उम्मीदें टूट गईं। वे 7 मिनट 26.57 सेकंड से दो अन्य के बाद तीसरे स्थान पर रहे।
इस 21 वर्षीय ने पदक जीतने के बाद कहा कि मुझे स्वर्ण पदक का भरोसा था, लेकिन मेरी लेन तेज हवाओं से सबसे ज्यादा प्रभावित हुई लेकिन फिर भी कांस्य पदक जीतने से खुश हूं।
चौहान स्वर्ण पदकधारी लोक क्वान हाई के बाद पहले 500 मीटर की दूरी पर दूसरे स्थान पर चल रहे थे लेकिन अगले 500 मीटर में वह अपने प्रतिद्वंद्वी के बराबरी पर आ गए और उन्होंने उसे पीछे छोड़ दिया जिससे उनका स्वर्ण पदक जीतना तय लग रहा था, लेकिन इसके बाद खराब मौसम ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया।
उन्होंने सिर्फ स्वर्ण पदक ही नहीं गंवाया बल्कि रजत भी गंवा दिया। मेजबान देश के ली हाकबियोम ने भारतीय रोअर को पछाड़कर 7 मिनट 25.95 सेकंड से दूसरा स्थान हासिल किया।
यह भारत के लिए दिन का पहला और इन खेलों में 10वां कांस्य पदक था, क्योंकि निशानेबाजी रेंज में बुधवार को कोई पदक नहीं मिला।
भारतीय रोइंग महासंघ के महासचिव एमवी श्रीराम भी चौहान के स्वर्ण से चूकने से निराश थे। उन्होंने कहा कि वह रेस में ज्यादातर समय आगे था और उसे स्वर्ण जीतना चाहिए था। भारत ने 2010 ग्वांग्झू खेलों में रोइंग में एक स्वर्ण, तीन रजत और एक कांस्य जीता था। (भाषा)