कुत्तों के कारण भारत की हो रही बदनामी, पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में किया हमला
देश में आवारा कुत्तों की समस्या एक गंभीर चुनौती बन चुकी है, जो अब केवल देश के लिए ही नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी भारत की छवि को प्रभावित कर रही है। हाल ही में दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में आयोजित अंतरराष्ट्रीय पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप के दौरान दो विदेशी कोचों को आवारा कुत्तों ने काट लिया, जिससे भारत की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठने लगे हैं। ये दोनों कोच केन्या और जापान के हैं, जिनमें से केन्याई कोच डेनिस मारागिया (Dennis Maragia) और जापानी सहायक कोच मिको ओकुमात्सु (Meiko Okumatsu) को इस घटना के दौरान चोटें आईं।
घटना के दौरान, डेनिस मारागिया स्टेडियम के बाहर अपने एथलीट से बात कर रहे थे, तभी एक आवारा कुत्ता अचानक उनके पास आया और उन्हें काट लिया। इसी प्रकार, मिको ओकुमात्सु वार्म-अप ट्रैक पर अपने खिलाड़ियों की ट्रेनिंग देख रही थीं, तभी एक और कुत्ते ने उन पर हमला कर दिया। दोनों को तुरंत चिकित्सा सहायता दी गई और बाद में सफदरजंग अस्पताल में उनका इलाज किया गया, जहां उनकी स्थिति खतरे से बाहर बताई गई है।
दिल्ली में आवारा कुत्तों की समस्या ने लंबे समय से प्रशासन और नागरिकों को परेशान किया हुआ है। सुप्रीम कोर्ट ने अगस्त 2025 में आवारा कुत्तों के प्रबंधन को लेकर आदेश जारी किए थे, जिसमें कहा गया कि केवल रेबीज या आक्रामक कुत्तों को ही शेल्टर होम में रखा जाएगा, जबकि बाकी कुत्तों को नसबंदी और टीकाकरण के बाद वापस छोड़ दिया जाएगा। इसके बावजूद, राजधानी में कुत्तों की संख्या बढ़ती जा रही है, जिससे कई बार ऐसी अप्रिय घटनाएं सामने आती रहती हैं।
जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में चैंपियनशिप से पहले एमसीडी ने आवारा कुत्तों को हटाने के लिए विशेष कदम उठाए थे और डॉग कैचिंग टीमों को तैनात किया था। बावजूद इसके, कुछ लोग कुत्तों को खाना खिलाते रहे, जिससे वे फिर से स्टेडियम परिसर में आ जाते हैं। अब एमसीडी ने दो विशेष टीमों को स्टेडियम में स्थायी रूप से तैनात कर रखा है ताकि आवारा कुत्तों को तुरंत पकड़कर पशु कल्याण मानकों के अनुसार शेल्टर होम भेजा जा सके।
भारत में आवारा कुत्तों के काटने के मामले भी बढ़ते जा रहे हैं। 2024 में दिल्ली में 25,210 डॉग बाइट केस दर्ज किए गए, जो पिछले साल की तुलना में काफी अधिक हैं। इस बढ़ोतरी ने सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंताएं पैदा कर दी हैं, खासकर जब बड़े स्तर पर अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजन चल रहे हों।
आयोजकों ने इस मामले में उन लोगों की भी जिम्मेदारी जताई है जो स्टेडियम के पास आवारा कुत्तों को बार-बार खाना खिलाते हैं, जिससे कुत्ते परिसर में प्रवेश कर पाते हैं। सुरक्षा व्यवस्था को और सख्त करने की जरूरत है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों और भारत की अंतरराष्ट्रीय छवि पर कोई नकारात्मक प्रभाव न पड़े।