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Last Updated : बुधवार, 13 मई 2020 (15:56 IST)

महान हॉकी खिलाड़ी बलबीर सिंह सीनियर की हालत अब भी नाजुक

महान हॉकी खिलाड़ी बलबीर सिंह सीनियर की हालत अब भी नाजुक - Condition of great hockey player Balbir Singh Sr. still critical
चंडीगढ़। महान हॉकी खिलाड़ी और तीन बार के ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता बलबीर सिंह सीनियर की कई बार दिल का दौरा पड़ने और निमोनिया के कारण बुधवार को भी हालत गंभीर बनी हुई है। अस्पताल के सूत्रों के अनुसार उन्हें मंगलवार को सुबह का दिल का दौरा पड़ा था लेकिन रात में देर रात कई बार दिल के दौरे पड़े सूत्रों ने कहा, ‘मोहाली के फोर्टिस अस्पताल में डॉक्टर अपनी पूरी कोशिश कर रहे हैं।’ 
 
बलबीर सीनियर को शुक्रवार शाम को तेज बुखार के बाद मोहाली के फोर्टिस अस्पताल में भर्ती किया गया था और वह अब भी वेंटिलेटर पर हैं। इस 96 वर्षीय दिग्गज के नाती कबीर ने मंगलवार की शाम अपडेट देते हुए बताया था कि उनकी हालत गंभीर बनी हुई है। 
 
कबीर ने कहा था, ‘नाना जी को आज सुबह नौ बजे दिल का दौरा पड़ा। उन्हें अभी मेडिकल आईसीयू में रखा गया है। कई अंगों के प्रभावित होने के कारण शुक्रवार आठ मई को उन्हें काफी गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनकी हालत में थोड़ा सुधार हुआ था लेकिन अब उनकी हालत नाजुक है।’ 
 
उन्होंने बताया, ‘डॉक्टर अगले 24 से 48 घंटों तक लगातार उनकी हालत पर नजर रखेंगे और इसके बाद ही उनकी हालत को लेकर आगे कोई बयान जारी किया जाएगा। उन्हें अब भी वेंटिलेटर पर रखा गया है।’ 
 
पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने उनके जल्द स्वस्थ होने की कामना की थी। मुख्यमंत्री ने उन्हें टैग करते हुए ट्वीट किया, ‘यह जानकर दुख हुआ कि बलबीर जी को आज दिल का दौरा पड़ा और वह वह गंभीर अवस्था में आईसीयू में हैं। आपके शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं।’ 
 
बलबीर सीनियर को शुक्रवार को तबीयत बिगड़ने पर सेक्टर-36 स्थित उनके आवास से निजी अस्पताल ले जाया गया था। वह अपनी बेटी सुशबीर और कबीर के साथ रहते हैं। पिछले साल जनवरी में बलबीर सीनियर को अस्पताल में 108 दिन बिताने के बाद पीजीआईएमईआर से छुट्टी मिली थी। इस अस्तपाल में उनका निमोनिया के लिए उपचार चल रहा था। 
 
उन्होंने लंदन (1948), हेलसिंकी (1952) और मेलबर्न (1956) ओलंपिक में भारत के स्वर्ण पदक जीतने में अहम भूमिका निभाई थी। हेलसिंकी ओलंपिक में नीदरलैंड के खिलाफ 6-1 से मिली जीत में उन्होंने पांच गोल किए थे और यह रिकॉर्ड अभी भी बरकरार है। वह 1975 विश्व कप विजेता भारतीय हॉकी टीम के मैनेजर भी रहे। (भाषा)
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