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Last Modified: नई दिल्ली , गुरुवार, 22 दिसंबर 2016 (19:31 IST)

ऊबड़-खाबड़ रास्तों से निकलकर बने विश्व विजेता : हरेन्द्रसिंंह

ऊबड़-खाबड़ रास्तों से निकलकर बने विश्व विजेता : हरेन्द्रसिंंह - coach Harendra Singh
नई दिल्ली। भारत को जूनियर हॉकी विश्व चैंपियन बनाने वाले कोच हरेन्द्र सिंह ने गुरुवार को कहा कि उन्होंने अपना पद संभालने के बाद लड़कों से कहा था कि उन्हें उनके साथ ऊबड़-खाबड़ रास्तों पर चलना होगा लेकिन अंत में कामयाबी उनके कदम चूमेगी।
हरेन्द्र ने उनके नियोक्ता एयर इंडिया द्वारा उन्हें सम्मानित किए जाने के अवसर पर यह बात कही। इस मौके पर विश्व विजेता टीम के खिलाड़ी अरमान कुरैशी, भारतीय क्रिकेटर जयंत यादव और एयर इंडिया के सीएमडी तथा एयर इंडिया स्पोर्ट्स प्रमोशन बोर्ड के अध्यक्ष अश्विनी लोहानी मौजूद थे। 
 
लोहानी ने इस सम्मान समारोह में कोच हरेन्द्र को 25,000 रुपए और अरमान कुरैशी को 10 हजार रुपए देने की घोषणा की। हरेन्द्र ने इसे अपने लिए एक बड़ा सम्मान बताते हुए कहा कि हमारे लिए यह पुरस्कार राशि नहीं, बल्कि सम्मान ज्यादा मायने रखता है। एयर इंडिया ने हर समय हमारा मनोबल ऊंचा रखा जिसकी बदौलत मैं आज यहां तक पहुंच पाया हूं। 
 
लखनऊ में भारत को जूनियर विश्व चैंपियन बनाने वाले कोच ने कहा कि मुझे खुशी है कि हमारे 18 डायमंड ने देश को मुस्कुराने का मौका दिया और इसमें एयर इंडिया का भी योगदान है। मुझे याद है कि एक बार पूर्व कप्तान धनराज पिल्लै ने मुझसे कहा था कि तुम्हारे अंदर तिरंगा बुलंदी पर ले जाने की क्षमता है और तुम वह काम कर सकते हो, जो कोई विदेशी कोच नहीं कर सकता।
 
हरेन्द्र ने कहा कि जब मैंने जूनियर टीम का कोच पद संभाला था तो मैं पहली बार मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में 48 लड़कों से रूबरू हुआ। उस समय मैंने उनसे एक ही बात कही कि उन्हें मेरे साथ ऊबड़-खाबड़ रास्तों से गुजरना होगा लेकिन अंत में उनके गले में स्वर्ण पदक होगा। हमने एक व्हॉट्सएप ग्रुप भी बनाया था जिसे हमने 'मिशन-2016' का नाम दिया था।
 
कोच ने कहा कि मैंने खिलाड़ियों से कहा था कि उनके लिए कोई धर्म नहीं है और उन्हें एक टीम के रूप में खेलना है। मैंने तिरंगे के रूप में एक छोटी हॉकी बनाई थी और सभी खिलाड़ियों को देते हुए कहा था कि इसे अपने बैग में रखा और हमेशा याद रखो कि देश के लिए खेलना है।
 
उन्होंने कहा कि सभी खिलाड़ियों ने विश्व चैंपियन बनने तक के सफर में कड़ी मेहनत की और कई त्याग किए, लेकिन 18 दिसंबर को जब लखनऊ में बेल्जियम को हराने के बाद तिरंगा लहराया तो हम सभी की आंखों में आंसू थे। हमने देश को मुस्कुराने का अवसर दिया। यह मेरी जिंदगी का सबसे गौरवपूर्ण क्षण था और मुझे यकीन है कि आने वाले समय में हिन्दुस्तान इसी तरह दुनिया पर छा जाएगा। ग्वालियर के अरमान कुरैशी ने इस कामयाबी का श्रेय कोच को देते हुए कहा कि आज मैं जो कुछ हूं आपकी वजह से हूं। आपने हमारी जिंदगी बना दी, वरना हम कहीं कुछ नहीं थे।
 
एयर इंडिया के सीएमडी लोहानी ने इस अवसर पर कहा कि हमें आप पर गर्व है। जब आप लखनऊ में जीते तो मुझे तुरंत 'चक दे इंडिया' याद आया। अरमान कुरैशी पर भी हमें गर्व है जिन्होंने भारत को विश्व चैंपियन बनाने में अपना योगदान दिया। अरमान एयर इंडिया में स्टाइपेंड पर हैं, लेकिन लोहानी ने कहा कि कंपनी की नीति के अनुसार उन्हें नौकरी देने पर विचार किया जाएगा। (वार्ता)
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