बुधवार, 24 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. धर्म-दर्शन
  3. श्रावण मास विशेष
  4. sarva linga

भगवान शिव की क्षिति मूर्ति की पूजा से होगा यह लाभ

भगवान शिव की क्षिति मूर्ति की पूजा से होगा यह लाभ | sarva linga
पुराणों अनुसार भगवान शिव शंकर को अष्टरूप में दर्शाया गया है। दरसअल वे ब्रह्मांड में आठ रूप में विद्यमान हैं। इन आठ रूपों के आधार पर शंकर की आठ प्रकार की प्रतिमाएं बताई गई हैं।
 
 
इन आठ प्रतिमाओं के नाम हैं:- 1.क्षितिमूर्ति (सर्व), 2.जलमूर्ति (भव), 3.अग्निमूर्ति (रूद्र), 4.वायुमूर्ति (उग्र), 5.आकाशमूर्ति (भीम), 6.यजमानमूर्ति (पशुपति), 7.चन्द्रमूर्ति (महादेव), 8.सूर्यमूर्ति (ईशान)।
 
 
1.क्षितिमूर्ति (सर्व)- शिव की शर्वी मूर्ति का अर्थ है कि पूवरे जगत को धारण करने वाली पृथ्‍वीमयी प्रतिमा के स्वामी शर्व है। शर्व का अर्थ भक्तों के समस्त कष्टों को हरने वाला। सर्व मूर्ति का अभिशेष करने वाले व्यक्ति के सारे कष्‍ट दूर हो जाते हैं।
 
 
कहते हैं कि यह आठ मूर्तियां मनुष्‍य के शरीर के आठ अंगों की तरह हैं। सर्व नामक मूर्ती अस्थिरूप में विद्यमान है। इन्हीं अष्टमूर्तियों के तीर्थ स्थल भी हैं। जैसे क्षिति या सर्व लिंग तमिलनाडु के शिव कांची में अमरेश्वर मंदिर में स्थित हैं। इसे क्षितिलिंग एकाम्बरेस्वर शिवकांची भी कहते हैं। ekambareswarar temple shiv kanchipuram
 
ये भी पढ़ें
13 जुलाई 2019 के शुभ मुहूर्त