गुरुवार, 28 मार्च 2024
  • Webdunia Deals
  1. खबर-संसार
  2. »
  3. शेयर बाजार
  4. »
  5. साप्ताहिक समीक्षा
Written By वार्ता

तेल और विश्वास मत पर रहेंगी निगाहें

तेल और विश्वास मत पर रहेंगी निगाहें -
देश के शेयर बाजारों की चाल आगामी सप्ताह कच्चे तेल की धार और सरकार के विश्वास मत के परिणाम पर निर्भर करेगी। उधर, बीते सप्ताह के आखिरी दो कारोबारी दिवसों में मिले जोरदार समर्थन से बम्बई शेयर बाजार (बीएसई) का सेंसेक्स 166 अंक तथा नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 43 अंक ऊँचे बंद हुए।

बाजार विश्लेषकों का कहना है कि 22 जुलाई को केन्द्र की संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार को विश्वास मत हासिल करना है। इसके परिणाम के साथ ही राजनीतिक अनिश्चितता का दौर समाप्त हो जाएगा। उधर, यदि कच्चे तेल के दाम बीते सप्ताह की तरह पिघलते रहे तो बाजार को समर्थन मिलने की पूरी पूरी संभावना है।

  कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट बनी रहती है तो यह देश के लिए बहुत फायदेमंद होगा, क्योंकि देश में ईंधन की जरूरतों को पूरा करने के लिए कुल माँग का 70 प्रतिशत के करीब आयात किया जाता है। कच्चे तेल के दाम ऊँचे रहेंगे तो महँगाई की आशंका बरकरार रहेगी      
दिल्ली शेयर बाजार के पूर्व अध्यक्ष और ग्लोब कैपिटल मार्केट लिमिटेड के प्रमुख अशोककुमार अग्रवाल का मानना है कि आगामी सप्ताह बाजार के अच्छा रहने की उम्मीद है। अग्रवाल मानते हैं कि जिस तरह कच्चे तेल के दामों में पिछले एक सप्ताह के दौरान झटका लगा है। यदि ऐसा ही रुख आगामी सप्ताह भी बना रहा तो निश्चित रूप से बाजार को इसका फायदा मिलेगा।

अग्रवाल का कहना है कि यदि संप्रग सरकार विश्वास मत हासिल कर लेती है तो इससे राजनीतिक अनिश्चितता भी समाप्त होगी। यह बाजार के लिए काफी सकारात्मक रहेगा।

उधर, बीते सप्ताह महँगाई की दर में 0.02 प्रतिशत की मामूली बढो़तरी ने भी बाजार को कुछ राहत प्रदान की है, क्योंकि पिछले कई सप्ताह से महँगाई की दर की तीव्र वृद्धि शेयर बाजारों पर भारी पड़ रही थी। गत सप्ताह कच्चे तेल की कीमतें एक हफ्ते पहले के 147.27 डॉलर प्रति बैरल की तुलना में 12 प्रतिशत से अधिक गिरकर 129 डॉलर प्रति बैरल के आसपास रह गई।

कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट का रुख बना रहता है तो यह देश के लिए बहुत फायदेमंद होगा, क्योंकि देश में ईंधन की जरूरतों को पूरा करने के लिए कुल माँग का 70 प्रतिशत के करीब आयात किया जाता है। ऐसे में यदि कच्चे तेल के दाम ऊँचे रहेंगे तो व्यापार घाटा बढ़ेगा और महँगाई की आशंका बरकरार रहेगी।

अट्ठारह जुलाई को समाप्त हुए सप्ताह में बीएसई का सेंसेक्स 165.55 अंक अर्थात 1.23 प्रतिशत की बढ़त से 13635.40 अंक पर पहुँच गया। सप्ताह के अंतिम दो कारोबारी दिवसों में सेंसेक्स में 1050 अंक से अधिक की वृद्धि दर्ज की गई। सेंसेक्स में बढ़त के बावजूद बीएसई का मिडकैप और स्माल कैप 125.95 अंक अथवा 2.35 प्रतिशत तथा 257.77 अंक अर्थात 3.84 प्रतिशत नुकसान से क्रमशः 5239.39 और 6455.89 अंक पर बंद हुए।

इससे पहले सप्ताह के पहले तीन कारोबारी दिवसों में सेंसेक्स पर कच्चे तेल के उबाल, राजनीतिक अनिश्चितता, विदेशी संस्थानों की बिकवाली और महँगाई का साया भारी पड़ रहा था। फित्च रेटिंग एजेंसी के 15 जुलाई को घरेलू रेटिंग की संभावनाओं को स्थिर से नकारात्मक कर दिए जाने ने भी बाजार को प्रभावित किया।

एनएसई का निफ्टी 43.25 अंक अर्थात 1.06 प्रतिशत की बढ़त से 4092.25 अंक पर पहुँच गया। पाँच जुलाई को समाप्त हुए सप्ताह में महँगाई की दर 0.02 प्रतिशत की मामूली बढ़ोतरी से 11.89 प्रतिशत से 11.91 प्रतिशत पर पहुँच गई।

विदेशी संस्थागत निवेशक जुलाई माह में 17 तारीख तक 2235 करोड़ 70 लाख रुपए मूल्य के शेयरों की बिक्री कर चुके हैं। इसे मिलाकर वर्ष के दौरान इनकी बिकवाली 27701 करोड़ रुपए पर पहुँच चुकी है। साझा कोषों ने जुलाई में उक्त तिथि तक 522 करोड़ 90 लाख रुपए मूल्य के शेयरों की शुद्ध लिवाली की।

अमेरिकी अर्थव्यवस्था में मंदी के जारी रहने की आशंका के बीच सूचना प्रौद्योगिकी वर्ग के शेयरों को बीते सप्ताह झटके लगे। इस वर्क की अग्रणी कंपनी टाटा कंसलटेंसी का शेयर 794.95 रुपए पर 0.53 प्रतिशत नीचा रहा।

आवास ऋण उपलब्ध कराने वाले उपक्रम एचडीएफसी का शेयर कंपनी के जोरदार परिणामों से 3.35 प्रतिशत बढ़कर 2067.55 रुपए पर पहुँच गया। टाटा स्टील के शेयर में 592.65 रुपए पर 11.03 प्रतिशत का नुकसान हुआ।

अमेरिका के औषधि नियामक के रैनबैक्सी के ऊपर आरोप से कंपनी का शेयर 17.69 प्रतिशत की जोरदार गिरावट से 435.45 रुपए रह गया।

ओएनजीसी का शेयर ब्रिटेन की कंपनी में हिस्सेदारी खरीदने की संभावनाओं के बीच 10.99 प्रतिशत बढ़कर 942.60 रुपए पर पहुँच गया। एमटीएन के साथ सौदे के खत्म होने जाने की खबरों के बीच रिलायंस कम्युनिकेशंस का शेयर 0.62 प्रतिशत गिरकर 435.20 रुपए रह गया।

सत्यम कम्प्यूटर का शेयर समाप्त तिमाही के अच्छे परिणामों के बावजूद आगे की संभावनाओं के बेहतर नहीं रहने की आशंकाओं के बीच 13.84 प्रतिशत गिरकर 382.95 रुपए रह गया। विप्रो का शेयर भी 365.55 रुपए पर 11.34 प्रतिशत टूट गया।

आईसीआईसीआई बैंक में 617.60 रुपए पर 4.4 प्रतिशत की तेजी आई। रिलायंस इंडस्ट्रीज 2112.65 रुपए पर 4.77 प्रतिशत बढ़ गया। एलएंडटी का शेयर 7.97 प्रतिशत तथा भेल का 0.59 प्रतिशत बढ़कर क्रमशः 2545.10 रुपए और 1530.25 रुपए पर बंद हुए।