हिन्दी कविता : दिवस गणतंत्र है
- ठाकुरदास कुल्हारा
सत्य औ अहिंसा का, देता जो मंत्र हैहर्षोल्लास भरा, दिवस गणतंत्र है।आबाल वृद्ध, नर नारी के, ह्रदय मेंदेश प्रेम, प्रसारता, हमारा गणतंत्र है।सेवा, समर्पण और, त्याग भरी भावनातन मन, धन वारना, सिखाता गणतंत्र है।नफरत बुराई बैर आदि को मेटताजन मन में, प्यार को, बढ़ाता गणतंत्र है।जाति मजहब के, भेद कोई, पाले नहींमानवता धर्म, सिखलाता गणतंत्र है।मानवीय, मूल्यों का, दुनिया में सर्वश्रेष्ठसंदेश, विश्व शांति का, देता गणतंत्र है।सुख दुख के, साथी बन, भाईचारा पालेंसमरसता पाठ, हमें, पढ़ाता गणतंत्र है।सर्वजन हिताय है, सर्वजन सुखायप्रगति पथ पर अग्रसर, हमारा गणतंत्र है।