शनिवार, 20 अप्रैल 2024
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Written By वार्ता

साँपों ने बताया काटने का कारण

साँपों की पेशी के दौरान बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे।

साँपों ने बताया काटने का कारण -
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जिला मुख्यालय से नौ किलोमीटर दूर स्थित ग्राम लसूडिया परिहार में हर साल की भाँति इस साल भी साँपों की पेशी हुई जिसमें सैंकड़ों लोग उपस्थित हुए। साल भर में सर्पदंश से पीड़ित लोगों के शरीर में आकर सर्प ने बताया कि उसने किन कारणों से उसे डंसा था। सुबह से लेकर दोपहर बाद तक लोगों का मेला लगा रहा।

ग्राम लसूड़िया परिहार में दिवाली के दूसरे दिन पड़वा पर सर्पदंश से पीड़ित लोगों की बेल काटने का कार्य हनुमान मंदिर में पंडा नबी लाल त्यागी द्वारा किया जाता है। रविवार की सुबह से ही यहाँ पर दूर-दूर से लोगों का आना शुरू हो गया था। पंडा नबीलाल त्यागी अपने गुरु नारायण प्रसाद त्यागी सहित दुर्गाप्रसाद त्यागी, छोटे राम कारीगर के साथ मिलकर भजन कीर्तन के साथ कार्यक्रम की शुरुआत करते हैं।

बुलाया जाता है : भजन के दौरान ही विशेष प्रकार के वाद्ययंत्र को बजाकर साँप को उन पीड़ित लोगों के शरीर में बारी-बारी से बुलाया जाता है जिनको वर्ष भर में कभी भी सर्प ने डसा था। कुछ देर के प्रयासों में ही सर्प उनके शरीर में आता है और उसके कारणों को सुनाना शुरू कर देता है।

मुझे लगते हैं पैर : ग्राम पचौर से आई महिला सुनीता बाई के शरीर में जब सर्प ने प्रवेश किया तो लोग जवाब सुनकर भी हैरान थे। सर्प ने बताया कि मेरा घर इनके खेत में ही है कई बार इनके पैर मुझे लगे है जिसके कारण तंग होकर उसे डस लिया। पंडा जी ने सवाल किया कि इतनी मामूली बात पर क्यों सुनीता को परेशान करते हो जिस पर उसका कहना था कि इन्हें भी मेरी परेशानी का ख्याल रखना होगा।

मेरे नाम पर ज्योत नहीं जलाई : ग्राम कचनारिया निवासी रामदुलारी बाई के शरीर में आए सर्प ने बताया कि मैनें जिसे डसा है वो मेरी भाभी है मेरे शरीर त्यागने के बाद भी उसके द्वारा कभी भी मेरे नाम की ज्योत नहीं जलाई गई जिसके कारण ही मैने उसे डसा है। यह वर्ष भर में एक बार ज्योत जलाए तो मैं इसे कभी परेशान नहीं करुंगा।

सभी को मुक्त किया : इस प्रकार के कई सारे प्रकरणों में सर्प ने अपनी दास्ताँ बताई। जिनसे हनुमान जी के सामने यह संकल्प लिया जाकर कि वे अब परेशान नहीं करेंगे तो उन्हें मुक्त कर दिया गया। सर्पदंश से पीड़ित लुनिया मोहल्ला निवासी श्याम ने बताया कि वो सर्पदंश के बाद यहां आया था। आज यहाँ पर बेल कटवाने के लिए आया हूँ।