शनिवार, 20 अप्रैल 2024
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नए साल का वादा : खुशियां बांटे, खुश रहे...

नए साल का वादा : खुशियां बांटे, खुश रहे... - नए साल का वादा : खुशियां बांटे, खुश रहे...
लो फिर आ गया नया साल...। समय के पहिए के साथ दिन, महीने और साल गुजरते जाते हैं और जीवन का कारवां यूं ही चलता रहता है। एक वक्त ही तो है जो पुराने को ले जाता है और नए को लाता है। ऐसी ही कई खट्टी-मीठी यादों के साथ बीता साल 2014 और एक बार फिर नववर्ष 2015  ने दे दी दस्तक। तो आइए... सूरज की पहली किरण, पक्षियों के चहचहाट और प्रकृति के सौंदर्य की अनुपम छंटा में घुलमिल कर स्वागत करें नववर्ष का...।
 

 

 
हम भगवान से यह प्रार्थना करें कि यह नववर्ष सबके जीवन में नया उल्लास और ढेर सारी खुशियां लेकर आए। जिस किसी के जीवन में जो अधूरा है, उसे पूरा करें। नवसृजन का संकल्प लें। आप स्वयं महसूस करने लगेंगे कि यह नवसृजन एक नवीन इबारत भी लिख देगी।

इस नए वर्ष में हर व्यक्ति को उत्साह एवं उल्लास के साथ नवीन शुभ संकल्प लेना चाहिए तथा अपने मन के नकारात्मक विचारों को त्याग कर सकारात्मक सोच रखते हुए दृढ़ निश्चय से आगे बढ़ना चाहिए। 
 
आइए जानते हैं कि हम इस नए साल पर ऐसा क्या करें जिससे हम अपना और दूसरों का जीवन सुधार सकें। उन्हें ढेरों खुशियां दे सकें, हमारा जीवन उनके किसी काम आ सकें... 
 
 


 


खुशियों को सहेजें :-
 
- कई बार हम बड़ी खुशियों की चाह में जीवन में आने वाली छोटी-छोटी खुशियों को नजरअंदाज कर देते हैं। मगर कभी इन छोटी-छोटी खुशियों को सहेजकर देखिए, आप पाएंगे कि बड़ी खुशियां स्वतः ही आपके खाते में चली आएंगी।
 
परिवार से जुड़ें रहें :-
 
'रहिमन धागा प्रेम का मत तोड़ों चटकाए, टूटे से फिर न जुड़े, जुड़े गांठ पड़ जाए'
 
- वर्तमान में भागमभाग भरी जिंदगी में लोग लगातार परिवार से दूर होते जा रहे हैं। अगर समय मिलता भी है तो वह गिले-शिकवे में ही निकाल देते हैं। मगर यह नहीं जानते कि रिश्ते प्रेम की डोर होते हैं जिनमें गांठ पड़ने पर खुलना मुश्किल हो जाता है।
 
वाणी पर नियंत्रण रखें :-
 
'शब्द संभालकर बोलिए, शब्द के हाथ न पांव रे, एक शब्द औषधि करे, एक करे है घाव रे'
 
- शब्दों के बिना अभिव्यक्ति नहीं की जा सकती। मगर इन शब्दों को कहने का तरीका भी समझना होगा। हर एक से मीठा बोलें क्योंकि गलत बोलने में तो समय नहीं लगता, पर यह किसी को कितनी तकलीफ दे सकते हैं, उस पर विचार बहुत जरूरी है। अत: जब भी बोले मीठा बोले। अपनी वाणी पर नियंत्रण बनाएं रखें। 
 
नजरिया बदलें :-
 
'नजरें तेरी बदली तो नजारे बदल गए, कश्ती ने रुख मोड़ा तो किनारे बदल गए'
 
- हर बात में एक ही राय कायम न करें। परिस्थितियों को देखते हुए अपने नजरिए में परिवर्तन करना वर्तमान की एक आवश्यकता है। हमेशा किसी चीज में बुराई ढूंढ़ने के बजाए मौजूद गुणों को देखिए। जाने-अनजाने आपके खाते में कुछ अच्छा ही जुड़ेगा, इस बात का ध्यान रखिए।
 
 

 


हो हौसला बुलंद :-

- किसी क्षेत्र में विजय पाने के लिए मजबूत हौसलों की जरूरत है। यह हौसले आपको अपने अंदर पैदा करने होंगे तभी तो आप दूसरों की हौसला अफजाई भी कर सकेंगे और जिंदगी के कड़े मुकामों को आसानी से पार कर सकेंगे।
 
सपने देखना न छोड़ें :-
 
- सपने देखिए, सपने देखेंगे तभी उन्हें पूरा करने का माद्दा आप में जागृत होगा। इन्हीं सपनों के बलबूते पर आप अपनी मंजिल पर आसानी से पहुंच सकेंगे।
 
व्यावहारिक बने :-
 
- जीवन में व्यावहारिकता बहुत जरूरी है। यदि आप व्यावहारिक होंगे तो आपके बच्चे भी आपसे यही सीखेंगे। इससे दूसरों को भ‍ी आपसे सीखने में मदद मिलेगी।  
 
लक्ष्य से नजर न हटने दें :- 
 
- जीवन में कुछ भी असंभव नहीं है। हम में अर्जुन की तरह लक्ष्य साधने की क्षमता होना चाहिए। हमारे संकल्प की दृढ़ता हर मुश्किल को आसान कर देती है। लक्ष्य तक पहुंचने के लिए सब दरवाजे खुल जाते हैं।
 
 















खुद को पहचान दीजिए :-
 
'खुदी को कर बुलंद इतना, कि हर तकदीर से पहले खुदा बंदे से पूछे बता तेरी रजा क्या है'
- भगवान की नियामत के रूप में यदि यह जीवन मिला है, तो इसे पहचान देने की कोशिश कीजिए। कुछ ऐसा करिए जो आने वाली पीढ़ियों के लिए यह सकारात्मक और यादगार बन जाए।
 
दूसरों को दें खुशियां :-
 
- जिंदगी बहुत खूबसूरत है, मगर इसे दूसरों की जिंदगी में भी मिठास घोलते हुए बिताया जाए तो इसके मायने ही बदल जाते हैं। खुशियां देने से बढ़ती हैं, इसलिए देने का नियम बनाइए। कोशिश करें आपकी वजह से हर इंसान के चेहरे पर खुशी आएं। 
 
वर्तमान में जिएं :-
 
- अतीत से चलते हुए वर्तमान में जब आपने कदम रख दिए हैं तो उसमें सुधार के बारे में चिंता कीजिए। आपका भविष्य खुद-ब-खुद ही संवर उठेगा।
 
सहज बने रहें :-
 
सहज जीवन ही स्वस्थ एवं सुंदर जीवन की नींव होता है। जीवन में जितना सहज होंगे उतनी ही संतोष और संतुष्टि आपके पास अन्य लोगों के मुकाबले ज्यादा होगी।  
 
चुनौती स्वीकारें :-
 
'मुश्किलें दिल के इरादें आजमाती हैं, स्वप्न के परदे निगाहों से हटाती हैं,
हौसला मत हारकर गिरकर ओ मुसाफिर, ठोकरें इंसान को चलना सिखाती हैं।'
 
- जीवन में कोई भी कार्य करते हुए अगर हमारा लक्ष्य सकारात्मक और निःस्वार्थ है तो आगे बढ़ने का रास्ता यूं ही आसान हो जाता है। फिर कड़ी चुनौतियां भी आपका कुछ भी बिगाड़ नहीं सकतीं।