शनिवार, 20 अप्रैल 2024
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खाली दिमाग 'शैतान' नहीं भगवान का घर...

खाली दिमाग 'शैतान' नहीं भगवान का घर... - khali dimag bhagwan ka ghar
एक पुरानी कहावत है- खाली दिमाग शैतान का घर। यह बात ही गलत है। हमारे अनुसार खाली दिमाग तो भगवान का घर होता है बशर्ते वह पूर्णरूपेण खाली हो और खाली होने की तरकीब है- ध्यान। लोगों के 'ध्यान' के बारे में अनेक प्रश्न होते हैं जैसे 'ध्यान' क्या होता है; कैसे किया जाता है? इन सभी प्रश्नों का एक ही उत्तर है; खाली होना। दिल से, दिमाग से, विचार से, सब ओर से पूर्णरूपेण खाली हो जाना। 
जब आप अपने इस पंचमहाभूतों से निर्मित नश्वर देह रूपी पात्र को खाली करने में सक्षम हो जाते हैं तब इस पात्र में परमात्मा रूपी अमृत भरता है। इस अनुभूति को विद्वान अलग-अलग नाम देते हैं कोई इसे ईश्वरानुभूति कहता है, कोई ब्रह्म साक्षात्कार, कोई बुद्धत्त्व, कोई कैवल्य, कोई मोक्ष, तो कोई निर्वाण सब नामों के भेद हैं। आप चाहें तो अपने इस अनुभव को कोई नया नाम भी दे सकते हैं किन्तु जो अनुभूत होता है वह निश्चय ही शब्दातीत और अवर्णनीय है। इसे अनुभूत करने का एकमात्र मार्ग है- खाली होना, तो हम कहना चाहते हैं कि 'खाली दिमाग भगवान का घर।
 
-ज्योतिर्विद् पं. हेमन्त रिछारिया
सम्पर्क: [email protected]