मंगलवार, 23 अप्रैल 2024
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Written By WD

चाणक्य कहते हैं इन 5 जगहों पर निवास करना श्रेष्ठ है

चाणक्य कहते हैं इन 5 जगहों पर निवास करना श्रेष्ठ है - Chanakya Neeti In Hindi
आचार्य चाणक्य एक ऐसी महान विभूति थे, जिन्होंने अपनी विद्वत्ता और क्षमताओं के बल पर भारतीय इतिहास की धारा को बदल दिया। मौर्य साम्राज्य के संस्थापक चाणक्य कुशल राजनीतिज्ञ, चतुर कूटनीतिज्ञ, प्रकांड अर्थशास्त्री के रूप में भी विश्वविख्‍यात हुए। 

इतनी सदियां गुजरने के बाद आज भी यदि चाणक्य के द्वारा बताए गए सिद्धांत और नीतियां प्रासंगिक हैं, तो मात्र इसलिए क्योंकि उन्होंने अपने गहन अध्‍ययन, चिंतन और जीवानानुभवों से अर्जित अमूल्य ज्ञान को, पूरी तरह नि:स्वार्थ होकर मानवीय कल्याण के उद्‍देश्य से अभिव्यक्त किया।

 
धनिक: श्रोत्रियो राजा नदी वैद्यस्तु पंचम:।
पंच यत्र न विद्यन्ते तत्र दिवसं न वसेत्।।
 
अर्थ - जहां धनी, श्रोत्रिय (वेदों का ज्ञाता), राजा, नदी और वैद्यराज न हों, वहां एक दिन भी निवास नहीं करना चाहिए।
 
इसका श्लोक में आचार्य चाणक्य ने निवास स्थान के लिए 5 अनिवार्यताएं बताई हैं, वह है- 
 
1 धनवान यानी अमीर : जिस स्थान पर धनी व्यक्ति रहता है, वहां व्यवसाय की स्थिति अच्छी होती है। धनी व्यक्ति के आसपास रहने वाले लोगों के लिए बेहतर रोजगार की संभावनाएं रहती हैं।
 
2 श्रोत्रिय यानी विद्वान : जिस स्थान पर कोई ज्ञानी हो, वेद जानने वाला व्यक्ति हो, जहां सही गलत के निर्णय लेने वाला व्यक्ति हो वहां रहने से धर्म लाभ होता है। हमारा ध्यान पापकर्म की ओर नहीं जाता है।
 
3 राजा यानी शासक अथवा नेतृत्व क्षमता वाला :  जहां राजा या शासकीय व्यवस्था से संबंधित व्यक्ति रहता है, वहां रहने से हमें शासन की सभी योजनाओं का लाभ प्राप्त होता है और सुरक्षा और सम्मानबना रहता है।
 
4 नदी अथवा जल स्त्रोत : जल ही जीवन है। इसके बिना हम अपने कोई कार्य नहीं कर सकते हैं। जिस स्थान पर पवित्र नदी बहती हो, जहां पानी पर्याप्त मात्रा में हो, वहां रहने से प्रकृति के समस्त लाभ प्राप्त होते हैं।
 
5 वैद्य-चिकित्सक-डॉक्टर : जिस स्थान पर वैद्य हों, चिकित्सा विज्ञान के जानकार हो वहां रहने से बीमारियों से तुरंत मुक्ति मिल जाती है। अचानक आवश्यकता होने पर समय पर इलाज मिल सकता है। 
 
अत : इन 5 व्यक्तियों को अपने निवास के आसपास होना चाहिए या फिर जहां इनका निवास हो वहां पर रहना उत्तम होता है।