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Written By ND

मंदी का शिकार हुए सीईओ सिद अग्रवाल

मंदी का शिकार हुए सीईओ सिद अग्रवाल -
अमेरिका में मारे गए आप्रवासी भारतीय सीईओ सिद अग्रवाल आर्थिक मंदी से बुरी तरह परेशान थे। दिवाली पर अपने छोटे भाई पवन अग्रवाल से फोन पर बात करते हुए उन्होंने कहा था कि जबरदस्त आर्थिक मंदी चल रही है। समझ में नहीं आ रहा है कि क्या किया जाए? सिद से अपने घर वालों की यही आखिरी बातचीत थी।

पवन ने उनसे कहा था कि परेशान न हों, सब ठीक हो जाएगा लेकिन मंदी के कारण सिद को अपनी सॉफ्टवेयर कंपनी के कर्मचारियों की छँटनी करनी पड़ी। हालाँकि उन्होंने इसके एवज में एक साल का वेतन भी दिया था। फिर भी छँटनीशुदा कर्मचारियों ने उनकी हत्या कर दी।

सीतापुर में जेल रोड स्थित उनके पैतृक निवास पर जैसे ही यह खबर पहुँची, उनके घर पर शोक जताने वालों का ताँता लग गया।

सिद अग्रवाल 34 साल से अमेरिका में रह रहे थे, लेकिन उनके प्रशंसकों की सीतापुर में कमी नहीं थी। उनके सरल स्वभाव की सभी तारीफ करते थे। पिछले साल अप्रैल में वह भतीजे की शादी में अपने घर आए थे। शादी की सारी जिम्मेदारियाँ उन्होंने ही निभाई थी।

पपीता और मूली का साग पसंद करने वाले सिद अग्रवाल की शादी 12 दिसंबर, 1951 को कुशीनगर की आशा अग्रवाल के साथ हुआ था। इनके दो बच्चे हैं। सिद बचपन से ही पढ़ने में अव्वल थे। अपने पिता हरीराम अग्रवाल से बहुत प्रभावित साधारण परिवार में जन्मे सिद की शुरुआती पढ़ाई आरआरडी कॉलेज में हुई। यहाँ से हाईस्कूल करने के बाद इंटरमीडिएट करने वह वाराणसी चले गए। बाद में 'कैट' में उनका चयन हो गया और उन्होंने कानपुर आईआईटी में दाखिला लिया।

इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी भी नहीं हुई थी कि अमेरिका से नौकरी का न्योता मिल गया। वह सीधे अमेरिका चले गए। कुछ दिन नौकरी करने के बाद उन्होंने अमेरिका में अपनी सॉफ्टवेयर कंपनी खोल ली। तब से लेकर अब तक वह लगातार सफलता के पायदान चढ़ते जा रहे थे। उनके छोटे भाई पवन अग्रवाल ने बताया कि मंगलवार को अमेरिका में ही उनका अंतिम संस्कार कर दिया जाएगा।