गुरुवार, 25 अप्रैल 2024
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Written By भाषा

बाल्टी लेकर चलती है, कपड़ों में बार-बार लग जाती है आग

बाल्टी लेकर चलती है, कपड़ों में बार-बार लग जाती है आग -
मथुरा। उत्तरप्रदेश में मथुरा की छाता तहसील का जटवारी गांव एक महिला के कपड़ों में बारम्बार आग लगने की घटना से आसपास के क्षेत्र में चर्चा का केंद्र बना हुआ है।

गांव में निवास कर रही यह विवाहिता पिछले एक माह से अपने कपड़ों में बार-बार रहस्यमय आग लगने से खौफजदा है। आग लगने के सिलसिले ने महिला को इस कदर भयभीत कर रखा है कि वह अपना पैतृक मकान छोड़कर खेतों में बने अस्थाई मकान में परिवार के साथ आ गई है।

आग से बचने के लिए महिला अपने साथ एक बाल्टी पानी लेकर चल रही है। गांव के पूर्व प्रधान और चिकित्सक डॉ. रामहेत सिंह ने घटना की पुष्टि करते हुए कहा कि आग के सिलसिले पर लगाम कसने के लिए कई प्रयास किए गए, मगर अब तक इसमें कोई सफलता नही मिल सकी है।

डॉ. सिंह ने बताया कि 2 दिन पूर्व एक संत बाबा नागरीदास ने प्रयास किया जिससे आग लगने की आवृत्ति में कमी तो आई है, मगर 1 माह से जारी सिलसिला अभी थमा नहीं है।

उन्होंने कहा कि जटवारी गांव में पिछले 50 साल से होली के अवसर एक प्रथा चलती आ रही है, जहां एक पंडा होलिकादहन में आग की लपटों के बीच से निकलता है और आग का उस पर कोई असर नहीं होता है।

घटना की कवरेज करने गांव पहुंचे पत्रकारों के एक दल ने महिला के दरवाजे पर अधजले सामान को न सिर्फ देखा बल्कि संत बाबा नागरीदास से घटना की बाबत चर्चा भी की।

अगले पन्ने पर... क्यों हो रहे हैं यह हादसे....


ग्राम प्रधान ने बताया कि ग्रामीणों का मानना है कि गांव में स्थित मंदिर-थान की अवमानना से यह अजूबा घटित हो रहा है। महिला और उसके पति से कहा गया है कि वे थान की शरण में पूरी आस्था से जाएं और समस्या से निजात की गुहार करें।

महिला के परिजनों के अनुसार आग लगने की शुरुआत लगभग 1 माह पूर्व घर में बने मंदिर की अलमारी में बिछाए गए अखबार से शुरू हुई थी। शुरू में परिजनों ने इसे विवाहिता की लापरवाही माना, मगर जब विवाहिता के पहने हुए कपड़ों में आग लगने लगी तो घरवालों को बेचैनी होने लगी।

3-4 दिन बाद तो ऐसी स्थिति बन गई कि कभी विवाहिता के पहने हुए कपड़ों में आग लगती तो कभी सूख रहे कपड़ों में लगती। एक दिन तो उसकी चारपाई में ही आग लग गई तो एक दिन जिस चारपाई पर 5-6 साल की आयु के उसके दोनों बच्चे सो रहे थे उसकी मच्छरदानी में ही आग लग गई।

समय बीतने के साथ आग लगने की आवृत्ति भी बढ़ने लगी और 1 दिन में 12 से 14 बार से अधिक बार आग लगने की घटनाओं ने महिला समेत पूरे परिवार को हिलाकर रख दिया। (वार्ता)