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Last Updated :देहरादून , रविवार, 26 फ़रवरी 2017 (21:19 IST)

हेमा मालिनी को किया गया भुगतान वाजिब था?

हेमा मालिनी को किया गया भुगतान वाजिब था? - Virat Kohli , Hema Malini
देहरादून। भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली को उत्तराखंड राज्य आपदा मद से हुए 47 लाख रुपए के भुगतान पर विपक्षी भाजपा का हमला झेल रहे मुख्यमंत्री हरीश रावत ने रविवार को उस पर पलटवार करते हुए पूछा कि स्पर्शगंगा अभियान की ब्रांड एम्बेसेडर के तौर पर सांसद अभिनेत्री हेमा मालिनी को किया गया भुगतान क्या वाजिब था? 
यहां एक संवाददाता सम्मेलन में रावत ने कहा कि स्पर्शगंगा अभियान के लिए पूर्ववर्ती भाजपा सरकार ने जिस मद से हेमा मालिनी को भुगतान किया, क्या वह वाजिब था? भाजपा नेता अजेंद्र अजय ने सूचना के अधिकार के तहत हासिल की गई जानकारी का हवाला देते हुए दावा किया है कि क्रिकेटर कोहली को उत्तराखंड में पर्यटन का ब्रांड एम्बेसेडर बनाने के लिए उन्हें करीब 47 लाख रुपए का भुगतान आपदा मद से किया गया। 
 
हालांकि अपनी सरकार के फैसले का बचाव करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कोहली को कोई बेजा फायदा नहीं दिया गया। उन्होंने भाजपा से यह भी पूछा कि क्या चारधाम यात्रा को बढ़ावा देने के लिए कोहली को ब्रांड एम्बेसेडर बनाया जाना गलत था।
 
उन्होंने कहा कि सरकार का यह विशेषाधिकार है कि वह किसी भी मद से कोई भुगतान कर सकती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा उन पर आरोप मढ़ रही है, जो वास्तव में कोहली जैसे महान खिलाड़ी का अपमान है।
 
उन्होंने कहा कि मैं राज्य की ओर से कोहली को धन्यवाद देता हूं कि उन्होंने संक्षिप्त अवधि के लिए उत्तराखंड का ब्रांड एम्बेसेडर बनने की पेशकश स्वीकार की। रावत ने यह भी कहा कि कोहली को दिया गया पैसा उनकी फीस से बहुत कम था जिसे लॉजिस्टिक सपोर्ट कहा जा सकता है। 
 
दूसरी तरफ भाजपा ने कहा कि आपदा पीड़ितों के लिए रखे पैसे को अपने प्रचार के लिए उड़ाकर मुख्यमंत्री ने जनता के साथ धोखा किया है और भाजपा उस पर मूकदर्शक बनकर नहीं रह सकती। 
 
मुख्यमंत्री के इस बयान पर कि किसी को भुगतान के लिए मद का चयन करने का अधिकार सरकार का होता है। भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी देवेंद्र भसीन ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार व उसके मुख्यमंत्री की आपदा पीड़ित लोगों व जनसाधारण के प्रति क्रूर दृष्टिकोण का इससे बड़ा प्रमाण और क्या हो सकता है कि उन्होंने आपदा राहत के धन का अपने प्रचार के लिए दुरुपयोग किया।
 
उन्होंने आरोप लगाया कि यह पैसा यदि मुख्यमंत्री का होता तो वे उसे जैसा चाहे उड़ा सकते थे लेकिन जनता के धन के सबसे बड़े ट्रस्टी होने के नाते उन्होंने उसका ट्रस्ट (विश्वास) तोड़ दिया है और इसके लिए जनता उन्हें सबक दे रही है। उन्होंने दावा किया कि पूरे देश की तरह अब कांग्रेस का उत्तराखंड से भी सफाया होने वाला है। (भाषा)
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