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Written By एन. पांडेय
Last Updated : गुरुवार, 11 अगस्त 2022 (12:32 IST)

उत्तराखंड में स्वतंत्रता दिवस से पहले हो सकता है मंत्रिमंडल विस्तार, कौन बनेगा मंत्री?

उत्तराखंड में स्वतंत्रता दिवस से पहले हो सकता है मंत्रिमंडल विस्तार, कौन बनेगा मंत्री? - uttarakhand cabinet expansion
देहरादून। उत्तराखंड में 15 अगस्त से पहले कुछ विधायकों को मंत्री की कुर्सी तो एक को डिप्टी स्पीकर और BJP के कुछ निष्ठावान-अनुभवी और समर्पित नेताओं को सरकारी दायित्वों से नवाजे जाने की कवायद पर अंतिम मंथन चल रहा है। इस पर फैसला लेने के लिए CM पुष्कर सिंह धामी पार्टी के नए अध्यक्ष महेंद्र भट्ट के साथ केंद्रीय कमान से अंतिम दौर की बात करने दिल्ली पहुंच गए हैं। माना जा रहा है कि दिल्ली में हाईकमान की बैठक के बाद स्वतंत्रता दिवस से पूर्व इन पदों पर ताजपोशी हो सकती है।
 
राज्य में 3 मंत्री पद और एक डिप्टी स्पीकर के पद पर नियुक्ति होनी है। नए मंत्री पद के वितरण की अटकलों के बीच जो नाम नये मंत्रियों को लेकर सामने आए हैं उनमे दो गढ़वाल मंडल से तो एक कुमाऊं मंडल से बनाये जाने की बातें चर्चाओं में हैं। गढ़वाल से देहरादून जिले के विकासनगर से विधायक मुन्ना सिंह चौहान का नाम मंत्री पद की रेस में बताया जा रहा है।
 
उनके अलावा कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय जो टिहरी से भाजपा टिकट पर चुनाव जीते हैं, के भी नाम की चर्चा है। उन्होंने कांग्रेस के उत्तराखंड में दिग्गज नेता हरीश रावत से मुचैता लेते हुए भाजपा का दामन थामा था और कांग्रेस में गुटबंदी के ऐसे नेरेटिव को गणने में वे सफल हुए कि कांग्रेस के हाथों से सत्ता में आया हुआ राज  चला गया।
 
इसलिए यह माना जा यह जा रहा है कि शायद उनको इसका इनाम पार्टी दे। इसके अलावा खजान दास के नाम को लेकर भी चर्चें हैं। वे देहरादून के राजपुर विधानसभा से भाजपा विधायक हैं। लेकिन राज्य में दो दलित मंत्री पहले से काम पर हैं इसलिए उनकी दावेदारी में कितना डीएम होगा यह आने वाला वक्त बताएगा।
 
कुमाऊं मंडल से रानीखेत के विधायक प्रमोद नैनवाल के नाम की चर्चा नए बनने वाले मंत्रियों के नाम में हो रही है। 50 साल के नैनवाल को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के उप चुनाव के दौरान महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी गई थी। चम्पावत विधानसभा के गांव-गांव में जाकर किये उनके प्रचार की पार्टी में तारीफ़ हुई। 
 
बीते शनिवार को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री की दिल्ली में केन्द्रीय मंत्री अमित शाह से हुई मुलाक़ात के बाद राज्य में रिक्त पड़े तीन मंत्री पदों को भरे जाने की अटकलों के बीच एन नये मंत्रियों की ताजपोशी को लेकर विधायकों ने अपना अपना जोर अजमाया हुआ है।
 
मौजूदा समय में राज्य में मुख्यमंत्री समेत 9 सदस्यीय मंत्रिमंडल है। इनमे से 5 गढ़वाल मंडल से आते हैं जबकि मुख्यमंत्री समेत 4 मंत्री कुमाऊं मंडल से आते हैं। जातीय और सामाजिक समीकरण पर दृष्टिपात करें तो वर्तमान में गढ़वाल से जिन 5 मंत्रियों को प्रतिनिधित्व दिया गया है उनमे से दो ब्राह्मण दो ठाकुर और एक बनिया बिरादरी से आते हैं।
 
कुमाऊं मंडल से आने वाले 4 मंत्रियों में मुख्यमंत्री ठाकुर बिरादरी के हैं जबकि दो मंत्री रेखा आर्य और चंदन राम दास दलित बिरादरी का प्रतिनिधित्व करते हैं सौरभ बहुगुणा ब्राह्मण बिरादरी से आते हैं। कुमाऊं के बंगाली बहुल सितारगंज सीट से जीतने वाले सौरभ बहुगुणा जो सरकार में मंत्री बने वे आते तो ब्राह्मण बिरादरी से ही हैं लेकिन वे मूलतः गढ़वाल मंडल के ब्राह्मण हैं।
 
सौरभ बहुगुणा के दादा हेमवती नंदन बहुगुणा और पिता विजय बहुगुणा क्रमशः यूपी और उत्तराखंड में मुख्यमंत्री रहे थे। उनके इसी राजनीतिक बैकग्राउंड और रसूख ने उन्हें मंत्री पद पर सुशोभित किया।
 
गढ़वाल मंडल से राज्य विधानसभा की सत्तर में से 41 विधानसभा सीटें आती हैं, जबकि कुमाऊं मंडल से कुल 29 सीटें आती हैं।  राजनीतिक जानकार ऐसे में मान रहे हैं कि रिक्त तीन मंत्री पदों में से एक कुमाऊं और दो गढ़वाल मंडल से भरी जा सकती हैं।
 
दूसरी तरफ यह भी बातें चर्चा में हैं कि कुछ मंत्रियों को अब तक के परफॉर्मेंस संतोषजनक न पाए जाने पर उनको हटाए जाने की भी चर्चा है। अगर ऐसा होता है तो कुछ नये नाम भी मंत्रिमंडल के लिए सामने आ सकते हैं।
 
कपकोट विधानसभा से जीते युवा और सीएम धामी के खासमखास सुरेश गड़िया के नाम पर भी अटकलें हैं। कहा जा रहा है कि उनको डिप्टी स्पीकर या मंत्री पद दिया जा सकता है। 
 
पूर्व सीएम और महाराष्ट्र के राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी के स्टाफ में रह चुके हैं और उनके काफी नजदीकी माने जाते हैं। उन्ही की संस्तुति पर टिकट मिला और वे जीते।

यह भी कयास लग रहे हैं कि यदि परफॉर्मेंस के आधार पर किसी मंत्री को मंत्रिमंडल से बाहर का रास्ता दिखाया गया तो फिर उनके स्थान पर उनकी बिरादरी के ही विधायक को मंत्री बनने का मौका मिलेगा। ऐसे में सरिता आर्य के नाम की भी चर्चा मंत्री बनने को लेकर होने लगी है। नैनीताल विधानसभा से चुनाव जीतीं सरिता आर्य चुनाव से ठीक पूर्व ही भाजपा में शामिल हुई थी। उससे पहले वे कांग्रेस महिला संगठन की प्रदेश अध्यक्ष थी।
 
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