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Last Modified: लखनऊ , शुक्रवार, 12 जनवरी 2018 (10:50 IST)

उत्तरप्रदेश में सपा-कांग्रेस गठबंधन खटाई में

उत्तरप्रदेश में सपा-कांग्रेस गठबंधन खटाई में - SP congress tie up in Uttar Pradesh
लखनऊ। उत्तरप्रदेश विधानसभा का मिलकर चुनाव लड़ चुके कांग्रेस और समाजवादी पार्टी (सपा) का गठबंधन लोकसभा का 2019 में होने वाले चुनाव के लिए खटाई में पड़ता नजर आ रहा है।
 
2017 के विधानसभा चुनाव में दोनों पार्टियों ने मिलकर चुनाव लड़ा था। विधानसभा की कुल 403 सीटों में से कांग्रेस ने 100 से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ा था जबकि सपा ने 300 पर अपने उम्मीदवार खड़े किए थे। कांग्रेस को 7 सीटों पर जीत हासिल हुई थी जबकि सपा को 47 सीटें मिली थीं।
 
सपा अध्यक्ष और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने चुनाव बाद कहा था कि कांग्रेस और सपा के संबंध बरकरार रहेंगे, लेकिन हालिया घटनाक्रमों की वजह से लगता है कि अब दोनों दलों का चुनावी गठबंधन शायद ही हो।
 
सपा प्रवक्ता और राज्य विधान परिषद सदस्य सुनील यादव का कहना है कि उनकी पार्टी राज्य की सभी 80 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है। बूथ कमेटियां गठित की जा रही हैं। चुनाव प्रभारी तय करने की प्रक्रिया चल रही है। अब तक की तैयारियों से यह माना जा सकता है कि पार्टी राज्य की सभी 80 लोकसभा सीटों पर उम्मीदवार उतारेगी, लेकिन अंतिम फैसला करने का अधिकार अध्यक्ष अखिलेश यादव का है।
 
उन्होंने कहा कि सपा हर हाल में भाजपा को हराना चाहती है। इसके लिए जो भी करना होगा, किया जाएगा। उनका कहना था कि भाजपा सरकार की गलत  नीतियों की वजह से किसान, पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक सभी परेशान हैं। भाजपा सरकार मूल मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए धार्मिक मुद्दों को अभी से आगे करने पर लग गई है। यही वजह है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कर्नाटक में भी हनुमानजी का जिक्र किया। विकास से इन लोगों का कोई लेना-देना नहीं है।
 
सपा से गठबंधन के मामले में कांग्रेस में भी भ्रम की स्थिति बनी हुई है। कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता द्विजेन्द्र त्रिपाठी ने कहा कि पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में राज्य की सभी  80 सीटों पर चुनाव लड़ा जाएगा। सभी सीटों पर चुनावी तैयारियां चल रही हैं। गठबंधन के संबंध में किसी से कोई बात नहीं हुई है, लेकिन गठबंधन का अधिकार पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को है। कार्यकर्ता चाहते हैं कि सभी सीटों पर कांग्रेस अपना उम्मीदवार खड़ा करे। इसके बावजूद यदि पार्टी नेतृत्व चुनावी गठबंधन करता है तो कार्यकर्ता उस पर भी काम करने को तैयार रहेंगे, लेकिन तैयारियां सभी 80 सीटों पर चुनाव लड़ने की जा रही हैं।
 
गौरतलब है कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने हाल ही में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) को लेकर विपक्षी दलों की बैठक बुलाई थी। बैठक में कांग्रेस का कोई प्रतिनिधि शामिल नहीं हुआ था, लेकिन प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर ने सहमति पत्र भेजा था। इसके बाद अटकलें लगनी शुरू हो गई थीं कि कांग्रेस और सपा समझौता कर चुनाव लड़ सकती हैं। (वार्ता)
 
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