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6 सेकंड में स्मार्ट मीटर फेल, जुगाड़ की मशीन से बिजली विभाग को लग रहा है करोड़ों का चूना

6 सेकंड में स्मार्ट मीटर फेल, जुगाड़ की मशीन से बिजली विभाग को लग रहा है करोड़ों का चूना - Smart meter fails in 6 seconds from electro magnetic device in Meerut
मेरठ। भले ही सरकार स्मार्ट बिजली मीटर लगाकर अपनी पीठ थपथपा रही हो, लेकिन ये स्मार्ट मीटर देसी जुगाड़ के चलते फेल हो गए हैं। बिजली विभाग में फैले भ्रष्टाचारियों के आगे पूर्वांचल विद्युत निगम भी फेल हो रहा है। मात्र 6 से 10 सेकंड में स्मार्ट मीटर की रीडिंग गायब हो जाती है और मीटर नो डिस्प्ले कर दिया जाता है। यानी देशी जुगाड़ की एक मशीन रीडिंग गायब करके स्मार्ट मीटर को फेल करने का काम कर रही है।
 
डिस्प्ले गायब करने वाली इस जुगाड़ की मशीन को इलैक्ट्रो मैग्नेटिक डिवाइस कहते हैं, जिससे पलक झपकते ही स्मार्ट मीटर से बिजली रीडिंग नो डिस्प्ले दिखाने लगती है। मेरठ एसओजी और विजिलेंस ने ऐसे ही गिरोह के 2 सदस्यों आकिल और उसके साथी को पकड़कर नौंचदी पुलिस को सौंपा है। साथ ही उनके कब्जे से वो मशीन बरामद कर ली है, जो मीटर की रीडिंग गायब कर मीटर को नो डिस्प्ले कर विभाग का करोड़ों का चूना लगा रही थी। 
 
पुलिस पूछताछ में पकड़े गए आकिल ने बताया कि बिजली विभाग में बैठे विभीषण ही इस कारनामे को मिलकर अंजाम दिला रहें हैं। यानी मीटर रीडर्स और बिजली विभाग के कुछ कर्मचारियों की शय पर ये खेल चल रहा है और बिजली विभाग की चपत लग रही है, वही ये भष्टाचारी मीटर शंट करके करोड़ों रुपए कमा रहे थे।
 
इस गैंग में मुख्य किरदार मीटर रीडर्स का है, जो उपभोक्ता की ज्यादा रीडिंग दिखाकर और फिर रीडिंग घटाने के नाम पर उपभोक्ता से सेटिंग करते थे। इस गैंग के सदस्य इलेक्ट्रॉनिक मैग्नेट डिवाइस मशीन ले जाकर उपभोक्ता की रीडिंग गायब कराकर मीटर को नो डिस्प्ले कर दिया जाता था। इसके एवज में उपभोक्ता से मोटी रीडिंग घटाने वाला और मीटर रीडर मोटी रकम वसूलता था। 
मेरठ बिजली विभाग ने थाना नौचंदी में जब आकिल और उसके एक साथी को पकड़ा तो वह सन्न रह गए। उन्होंने कुछ क्षण में ही एक मीटर की 526 रीडिंग को गायब कर दिया। यूनिट गायब होते ही मीटर नो डिस्प्ले हो गया। इससे साफ जाहिर होता है कि बिजली विभाग में भ्रष्टाचार की जड़े गहरी होती जा रही है और उन जड़ों को काटने में विभाग के बड़े अफसर लाचार हैं।
 
इस कारनामे को अंजाम देने वाले अपराधियों ने कुछ मीटर रीडर्स के नाम भी बिजली विभाग को बताए हैं। विभाग के एसडीओ योगेंद्र बजाज का कहना है कि बिजली विभाग के कुछ कर्मचारियों के ये गिरोह नहीं चल सकता।

सूत्रों से ये भी जानकारी मिली है कि 10 हजार और 20 हजार से ज्यादा रीडिंग वाले बिजली मीटर की रीडिंग मीटर रीडर ने कम दिखाई और इस जुगाड़ की मशीन से रीडिंग गायब कराकर मीटर नो डिस्प्ले करा दिया है। नौचंदी पुलिस अब गिरोह के सदस्यों से पूछताछ कर रही है कि इस गिरोह में कौन-कौन हैं और कितनी टीमें इस गोरखधंधे में लगी हैं।
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