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Last Modified: बोधगया , शुक्रवार, 26 दिसंबर 2014 (14:23 IST)

बोधगया में 40 म‍हादलित परिवार बने ईसाई

बोधगया में 40 म‍हादलित परिवार बने ईसाई - Religion convergence in  Bodhgaya
बोधगया में 40 म‍हादलित परिवारों के करीब 100 सदस्‍य ईसाई बनने के बाद बिहार की राजनीति गरमा गई है। मांझी सरकार ने इस घटना की जांच के आदेश दिए हैं। मुख्‍यमंत्री जीतनराम मांझी ने गया के डीएम से घटना की रिपोर्ट मांगी है।
 
दिलचस्‍प बात यह है कि जीतनराम मांझी खुद महादलित हैं और गुरुवार को गया में अपने गांव में एक कार्यक्रम में मौजूद थे। जहां धर्मांतरण का यह मामला सामने आया, वह गया से बमुश्किल कुछ किलोमीटर दूर है।
 
ईसाई धर्म अपनाने वाले रायमंती देवी और एसके दास ने बताया कि उनके लिए इज्‍जत और सामाजिक प्रतिष्‍ठा सबसे ज्‍यादा जरूरी है। इसके बाद ही कोई अन्‍य चीज मायने रखती है। यही वजह है कि उन्‍होंने ईसाई बनना स्‍वीकार किया।
 
हालांकि, गया के एसएसपी निशांत कुमार ने इस तरह की घटना से इनकार किया है। उनका कहना है कि वे लोग केवल चर्च के एक कार्यक्रम में भाग लेने गए थे।
 
इससे पहले मुंगेर में आठ महादलितों ने ईसाई धर्म कबूल कर लिया था। ईसाई बनने वाले नरेन्द्र मांझी, सुनील मांझी, प्रशांत मांझी का कहना था कि शिक्षा, स्वास्थ्य एवं सम्मान की सुविधा को देखते हुए उन लोगों ने ईसाई धर्म अपनाया।
 
वहीं, पादरी सुखलाल सोरेन का कहना था कि यह धर्म परिवर्तन नहीं, बल्कि प्रभु ईशु के प्रति लोगों की आस्था है। धर्म परिवर्तन कराना उनका उद्देश्य नहीं है। गांव, समाज की खुशहाली उनका मकसद है। जो लोग उनसे प्रभावित होते हैं, उन्हें वे सहयोग देते हैं। (news18.com से)