शुक्रवार, 29 मार्च 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. किसान आंदोलन
  4. Rashtriya Lok Dal's statement about the peasant movement
Last Updated : शनिवार, 5 दिसंबर 2020 (19:13 IST)

किसानों के मुद्दे को लेकर तानाशाही और हठधर्मिता अपना रही केंद्र सरकार : राष्ट्रीय लोकदल

किसानों के मुद्दे को लेकर तानाशाही और हठधर्मिता अपना रही केंद्र सरकार : राष्ट्रीय लोकदल - Rashtriya Lok Dal's statement about the peasant movement
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के लखनऊ में राष्ट्रीय लोकदल ने किसानों के मुद्दे को लेकर केंद्र सरकार पर हमला बोला है और आरोप लगाया कि केन्द्र सरकार तानाशाही तथा हठधर्मिता अपना रही है। राष्ट्रीय लोक दल के राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल दुबे ने किसानों के मुद्दे पर बातचीत करते हुए कहा कि कृषि प्रधान देश में शान्तिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन के लिए दिल्ली जा रहे किसानों पर आंसूगैस के गोले और ठंडे पानी की बौछारों के साथ ही बर्बरतापूर्ण लाठीचार्ज करना कहां का न्याय है।

रालोद प्रवक्ता ने कहा दिल्ली की घटना भाजपा के किसान प्रेम का सच बताती है।यह पता चलता है कि सरकार प्रचण्ड बहुमत पाने के कारण मदान्ध हो गई है।वह अंग्रेजों की तरह क्रूरता से किसानों के अधिकार की आवाज को दबाना चाहती है।

राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा विगत कई दिनों से आन्दोलित पंजाब और राजस्थान के किसानों ने जब देश की राजधानी दिल्ली की ओर कूच किया तो हरियाणा और सिंघु बार्डर पर किसानों के साथ बर्बरतापूर्ण रवैया अपनाकर आंसूगैस और लाठीचार्ज के माध्यम से आन्दोलन को विफल करने का प्रयास किया गया, लेकिन सरकार की ताकत जब किसानों को रोक नहीं पाई।

रालोद प्रवक्ता कहा कि केन्द्रीय कृषिमंत्री बार्डर पर जाकर किसानों से बात करने में अपनी बेइज्जती महसूस कर रहे हैं और गृहमंत्री शर्तों के साथ बात करना चाहते हैं जो निन्दनीय है। अब पंजाब, राजस्थान के साथ साथ उप्र के किसान भी इस लड़ाई में आरपार का मन बनाकर बार्डर पर जमे हुए हैं।

रालोद प्रवक्ता ने कहा कि किसान मसीहा चौ.चरण सिंह जी ने किसान बही देकर इन किसानों को खेत का मालिक बनाया था पर बहुमत के घमंड में चूर भाजपा सरकार पूंजीवादी व्यवस्था के जरिए किसानों को गुलाम बनाने का कुचक्र रच रही है।जिसे स्वीकार नहीं किया जाएगा।

राष्ट्रीय लोकदल 2 दिसंबर को प्रदेश के जिला मुख्यालयों पर जिला अधिकारियों के माध्यम से महामहिम राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजकर केन्द्र सरकार द्वारा पारित किसान विरोधी कानूनों को वापस लेने की मांग करेगा।