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Written By एन. पांडेय
Last Updated : मंगलवार, 12 अक्टूबर 2021 (13:18 IST)

उत्तराखंड में दल-बदल के सिलसिले को तेज कर सकती है यशपाल के भाजपा छोड़ कांग्रेस जाने की घटना

Yashpal Arya | उत्तराखंड में दल-बदल के सिलसिले को तेज कर सकती है यशपाल के भाजपा छोड़ कांग्रेस जाने की घटना
देहरादून। राज्यसभा सांसद व भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी अनिल बलूनी ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और उनके इर्द-गिर्द एक-दो लोगों को छोड़कर हर कांग्रेसी भाजपा में आने का इच्छुक है, लेकिन अब भाजपा में हाउसफुल है। इसके जवाब में दलित नेता और प्रदेश के 6 महत्वपूर्ण मामलों के मंत्री यशपाल आर्य को उनके विधायक बेटे समेत कांग्रेस ज्वॉइन कराकर कांग्रेस ने उनको जोर का झटका धीरे से दिया है।

बलूनी के इस बयान के बाद कांग्रेस के अध्यक्ष ने तब कहा भी था कि 15 दिन का समय दीजिए, पता चल जाएगा कि किसके यहां हाउसफुल का बोर्ड लगता है और किसका घर खाली होता है। पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष हरीश रावत ने बलूनी के बयान पर तब पलटवार करते हुए कहा था कि उज्याड़ू बल्द (अपने ही खेत को चरने वाले बैल) से बहुत जल्दी मेरे प्रिय अनुज (अनिल बलूनी) घबरा गए हैं।
 
भाजपा में रहकर बलूनी बेशक दल-बदल कराने में पारंगत हो गए हैं, लेकिन उनकी सलाह है कि दूसरे के घर में झांकने से अच्छा है कि अपने घर को बचाकर रखें। यशपाल की कांग्रेस में ज्वॉइनिंग को इस बयान में कही गई सत्यता के आलोक में देखने वाले राजनीतिक प्रेक्षकों को अंदेशा है कि दलबदल का यह सिलसिला अभी रुकने वाला नहीं है और भी कई नेता और विधायक जिनमे कुछ मंत्री भी हो सकते हैं और पार्टी बदल सकते हैं। ये नाम कौन से हो सकते हैं, उसके बारे में भी अटकल चलने लगी हैं। जो नाम चर्चा में हैं, उनमें कैबिनेट मंत्री भी शामिल हैं।
 
कहने वाले तो कहते हैं कि कांग्रेस गोत्र के जो विधायक और मंत्री साल 2016 में कांग्रेस छोड़ भाजपा में आने के रास्ते तलाश रहे हैं, उनकी वापसी में पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के प्रदेश में सर्वाधिक बाधा बने हुए हरीश रावत का मानना है कि राष्ट्रपति शासन लगाने का बहाना बने इन लोगों की कांग्रेस वापसी ठोक बजाकर ही संभव है।
 
हालांकि यशपाल आर्य को लेकर हरीश रावत शुरुआत से ही सॉफ्ट रहे थे। उन्होंने कई बार कहा था कि उन्हें यशपाल के कांग्रेस छोड़ने का अफसोस है। करीब 4 माह पहले यशपाल ने पूर्व सीएम हरीश रावत से मिलकर कांग्रेस पार्टी में वापसी की इच्छा जताई थी। जिस पर हरीश ने पूरा ताना-बाना बुनकर उनकी ज्वॉइनिंग कराई जबकि 25 सितंबर को यशपाल आर्य और उनके विधायक बेटे संजीव आर्य के कांग्रेस में घरवापसी की अटकलों के बीच मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अचानक आर्य के सरकारी आवास पर पहुंचे थे। तब सीएम और यशपाल आर्य ने नाराजगी की खबरों को खारिज किया था।
 
स्पष्ट है कि मुख्यमंत्री के इन तमाम प्रयासों के बावजूद यह घटना घट ही गई। अब मुख्यमंत्री अपनी पार्टी और उसके सिद्धांतों की दुहाई दे रहे हैं। अब जबकि कैबिनेट मंत्री की कांग्रेस में ज्वॉइनिंग हो गई है तो उसके बाद भी कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोंदियाल अब फिर कह रहे हैं कि यह तो सिर्फ ट्रेलर था, पिक्चर अब भी बाकी है। इस बयान के बाद भाजपा में विधायकों पर खुफिया नजरें रखी जाने लगी हैं। बताया तो यह जा रहा है कि यशपाल के साथ 2 अन्य विधायकों की भी ज्वॉइनिंग होनी थी, लेकिन किन्हीं कारणों से वह आज मंगलवार को टल गई। आगे आने वाले दिनों में यह संख्या और बढ़ेगी।
 
इस बार यशपाल की भी ज्वॉइनिंग सहज तरीके से नहीं हो पाई। उनको राहुल गांधी के सवालों से भी जूझना पड़ा। उसी के बाद उनकी ज्वॉइनिंग हो सकी। कांग्रेस में उनकी ज्वॉइनिंग का हालांकि नैनीताल विधानसभा सीट से पिछला चुनाव लड़ चुकी और महिला कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष सरिता आर्य ने विरोध करना शुरू कर दिया है लेकिन प्रेक्षकों का मानना है की उनका विरोध कोई मायने नहीं रखता। प्रदेश में लगभग 22 सीटों पर दलित इफेक्ट काम करता है, ऐसे में यशपाल की ज्वॉइनिंग का लाभ निश्चित रूप से कांग्रेस को होने वाला है।