मंगलवार, 16 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. खबर-संसार
  2. समाचार
  3. प्रादेशिक
  4. Muslim saint Mohammad Faiz
Written By

गौसेवक मुस्लिम संत मोहम्मद फैज

गौसेवक मुस्लिम संत मोहम्मद फैज - Muslim saint Mohammad Faiz
काशी। वह एक मुस्लिम हैं लेकिन गौ वंश के प्रति उनका समर्पण अनुकरणीय है। वे देश में घूम-घूमकर गौ माता की कथा सुनाते हैं। इस गौ सेवक संत का नाम है मोहम्मद फैज खान। वे काशी में उसी स्थान के पास कथा कर रहे हैं, जहां पर प्रसिद्ध मानस मर्मज्ञ मोरारी बापू कथा कर रहे हैं। वे रायपुर (छत्तीसगढ़) के रहने वाले हैं।  
 
फैज की गौ कथा का वाचन सितंबर, 2012 से शुरू हुआ। दो वर्षों में उन्होंने बड़ौदा, भीलवाड़ा, चूरू, नर्बदा, मुम्बई, अम्बाला, रायपुर, जबलपुर, पानीपत, मथुरा जैसे शहरों में कथा करने के साथ सेमीनार, गोष्ठी और रैलियां कीं। वे कहते हैं कि गाय के लिए सभी धर्मों के अनुयायियों को आगे आना चाहिए। मैं मुस्लिम होते हुए गर्व की अनुभूति महसूस करता हूं। पिछले वर्ष 15 नवंबर गोपाष्टमी से उनके नेतृत्व में ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत गौ जागरूकता यात्रा’ निकाली गई जो कि श्रीनगर के लालचौक से और 17 राज्यों से गुजरती हुई 15 जनवरी को मकर संक्रांति के दिन कन्याकुमारी में पूरी हुई। 
 
पिछले वर्ष दिल्ली में गोपाल मणीजी की हुंकार रैली में मोहम्मद फैज खान ने गौ कथा कही थी। कई अन्य स्‍थानों के आयोजक मोहम्मद फैज से काफी प्रभावित हुए और उन्होंने उन स्थानों पर उन्हें कथा करवाने का निमंत्रण दिया। ज्यादातर स्थान पर लोगों को एक मुस्लिम व्यक्ति द्वारा गौ कथा कहने पर आश्चर्य भी हुआ। कई स्थानों पर मुस्लिम समुदाय के लोग भी मोहम्मद फैज से प्रभावित होकर कथा सुनने आए।
 
अपने इस काम के लिए उन्होंने सहायक प्राध्यापक की नौकरी छोड़ दी है और गौसेवा में अपना जीवन लगाया है। इतना ही नहीं, वे दूसरों को भी कर रहे प्रेरित कर रहे हैं कि देशवासियों को गोवंश के कल्याण के लिए कार्यक्रम चलाने चाहिए। गिरीश पंकज के उपन्यास 'एक गाय की आत्मकथा' से प्रेरित होकर मोहम्‍मद फैज ने अपने लिए इस रास्‍ते को चुना है। फैज के माता-पिता सरस्वती शिशु मंदिर में शिक्षक हैं। साथ ही फैज ने खुद राजनीति शास्‍त्र में दो बार एमए किया है। 
 
दो साल पहले फैज रायपुर के पास सूरज नगर स्थित गवर्नमेंट कॉलेज में प्रोफेसर थे। यहीं उन्‍होंने गिरीश पंकज के उपन्यास एक गाय की आत्मकथा को पढ़ा और अपना रास्‍ता बदल लिया। इसमें नायक एक मुस्लिम होता है। यहीं से अपने जीवन में उस किरदार को अपनाने की ठान ली।
 
इसके बाद उन्‍होंने धेनु मानस ग्रंथ पढ़ा और फिर गौ कथावाचक बन गए। 24 घंटे में वह दो लीटर देशी गाय का दूध पीते हैं। फैज कहते हैं, 'देशी गाय अब कम ही मिल पाती है। गौ हत्या पर प्रतिबंध लगाने को लेकर दिल्ली में अनशन भी कर चुका हूं। लोग को गाय के दूध का सेवन करने के लिए प्रेरित करता हूं। वे दिन में एक वक्त की नमाज जरूर पढ़ते हैं।'