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Last Updated : बुधवार, 8 जुलाई 2020 (02:19 IST)

हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे ने सीओ देवेंद्र मिश्रा के सिर में गोलियां मारी और कुल्हाड़ी से हमला किया था

68 पुलिसकर्मियों पर गाज गिरी, एसटीएफ उपमहानिरीक्षक स्थानांतरित

हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे ने सीओ देवेंद्र मिश्रा के सिर में गोलियां मारी और कुल्हाड़ी से हमला किया था - histreesheetar vikaas dube ne seeo devendr mishra ke sir mein goliyaan maaree 71/5000 History Sheeter Vikas Dubey shoots bullets in CO Devendra Mishra's head
कानपुर। उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले के हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे और उसके गुर्गो ने 2-3 जुलाई की बीच रात को बिकरू गांव में घात लगाकर पुलिस पार्टी पर हमला किया था, जिसमें बिल्हौर के पुलिस क्षेत्राधिकारी देवेंद्र मिश्रा समेत 8 पुलिसकर्मी मारे गए थे। पता चला है कि पुलिस कर्मियों को बड़ी बेहरमी से मारा था। सीओ मिश्रा के सिर में गोलियां दागने के अलावा उन पर कुल्हाड़ी से भी हमला किया गया था।
 
बदमाश विकास दुबे को डर था कि देवेंद्र मिश्रा उसका एनकांउटर कर सकते हैं। बिकरू गांव में सीओ मिश्रा के नेतृत्व में ही पुलिस पार्टी विकास को धर दबोचने पहुंची थी। साहसी मिश्रा को पता चला था कि विकास अपने मामा के घर छुपा हुआ है। वे दीवार फांदकर आंगन में कूदे लेकिन उन्हें नहीं पता था कि गुंडे के पास पहले से ही आने की खबर थाने से पहुंच चुकी है।
पहले से घात लगाकर बैठा विकास और उसके साथियों ने दनादन गोलियां बरसानी शुरू कर दी। पुलिस को जवाबी हमला करने का मौका भी नहीं मिला। विकास ने सीओ मिश्रा समेत 8 पुलिस कर्मियों की नृंशस हत्या कर दी।
 
पुलिस महकमे में सीओ मिश्रा ईमानदार अफसरों में शुमार किए जाते थे। उन्हें मालूम था कि क्षेत्र में विकास दुबे सबसे बड़ा अपराधी है, लिहाजा उससे जुड़ा कोई भी मामला आता था तो वे सख्ती से पेश आते थे। यह भी पता चला है कि इस गुंडे ने धोखाधड़ी करने के लिए उसके घर के नौकर नौकरानी से लेकर गुर्गो तक के कई फर्जी पहचान पत्र तक बनवा रखे थे।
68 पुलिसकर्मियों पर गाज गिरी, एसटीएफ उपमहानिरीक्षक स्थानांतरित : कानपुर के बिकरु गांव में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के बाद सवालों के घेरे में आए चौबेपुर थाने में तैनात सभी 68 पुलिसकर्मियों को मंगलवार रात लाइन हाजिर कर दिया गया। इसके अलावा कुछ समय पहले कानपुर के एसएसपी रहे एसटीएफ उपमहानिरीक्षक को भी स्थानांतरित कर दिया है।
 
पुलिस के एक प्रवक्ता ने बताया कि चौबेपुर थाने में तैनात उपनिरीक्षक, हेड कांस्टेबल और कांस्टेबल समेत 68 पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर करने का यह कदम इसलिए उठाया गया है क्योंकि बिकरू कांड के बाद उनकी कर्तव्यनिष्ठा संदेह के घेरे में आ गई थी।
 
उन्होंने बताया कि गैंगस्टर विकास दुबे को बचाने में चौबेपुर थाने के निरीक्षक विनय तिवारी तथा अन्य पुलिसकर्मियों की संलिप्तता के आरोप लगने के बाद इसकी जांच के आदेश दिए गए थे। शुरुआती जांच में यह पाया गया कि थाने में तैनात कई पुलिस उपनिरीक्षक, हेड कांस्टेबल और कांस्टेबल हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे की हिमायत कर रहे थे।
पुलिस ने 8 पुलिसकर्मियों की हत्या के मामले में 3 और लोगों को गिरफ्तार किया है। दुबे की रिश्तेदार क्षमा, पड़ोसी सुरेश वर्मा और घरेलू सहायिका रेखा को गिरफ्तार किया गया। रेखा का पति दयाशंकर अग्निहोत्री पहले ही सलाखों के पीछे है।
 
चौबेपुर थाने में तैनात सभी 68 पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया गया है और उनके खिलाफ विस्तृत जांच की जा रही है। उसकी रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। राज्य सरकार ने दुबे से संबंधों के आरोपों का सामना कर रहे एसटीएफ के उपमहानिरीक्षक एवं कानपुर के पूर्व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अनंत देव को मंगलवार रात स्थानांतरित कर दिया।
 
राज्य सरकार द्वारा जारी बयान के मुताबिक देव को पीएसी मुरादाबाद स्थानांतरित कर दिया गया है। वह उस वक्त कानपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक थे, जब बिल्हौर के पुलिस क्षेत्राधिकारी देवेंद्र मिश्रा ने उन्हें चौबेपुर के थानाध्यक्ष विनय तिवारी और गैंगस्टर विकास दुबे के करीबी संबंध का आरोप लगाते हुए एक कथित पत्र लिखा था।
हालांकि पुलिस ने कहा था कि इस पत्र का कहीं कोई रिकॉर्ड नहीं है। अनंत देव ने कहा था कि बिकरु कांड में मारे गए बिल्हौर के पुलिस क्षेत्राधिकारी देवेंद्र मिश्रा द्वारा कथित 14 मार्च को लिखे गए पत्र में किए गए हस्ताक्षर मिश्रा के दस्तखत से मेल नहीं खाते। साथ ही उसमें ना कोई तारीख है और ना ही कोई सीरियल नंबर।