• Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. प्रादेशिक
  4. Harish Rawat said on the ruckus of Punjab Congress, this is not a rebellion
Last Updated : बुधवार, 25 अगस्त 2021 (22:04 IST)

पंजाब कांग्रेस के घमासान पर हरीश रावत बोले- यह कोई बगावत नहीं...

पंजाब कांग्रेस के घमासान पर हरीश रावत बोले- यह कोई बगावत नहीं... - Harish Rawat said on the ruckus of Punjab Congress, this is not a rebellion
देहरादून। उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस महासचिव हरीश रावत एक बार फिर पंजाब कांग्रेस के हालिया संकट के समाधान को लेकर सक्रिय हो गए हैं। रावत पंजाब के प्रभारी हैं, लिहाजा इस राजनीतिक घटनाक्रम में उनकी भूमिका अहम मानी जा रही है। देहरादून में कांग्रेस महासचिव हरीश रावत से मुलाकात करने बुधवार को देहरादून पहुंचे पंजाब सरकार के 4 मंत्रियों और 3 विधायकों ने पंजाब के मुख्‍यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से नाराजगी जताते हुए पंजाब कांग्रेस प्रदेश प्रभारी हरीश रावत से नेतृत्व परिवर्तन की मांग की।

पंजाब में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के खेमों के बीच सत्ता को लेकर खींचतान जारी है। इस सिलसिले में रावत से मिलने पंजाब के सात विधायक पंजाब कांग्रेस के हालिया घमासान के बाद बुधवार को उत्तराखंड पहुंचे थे। इन नेताओं ने हरीश रावत के साथ स्थानीय होटल में बैठक की और हालात की जानकारी दी।

हरीश रावत के मुताबिक, ये बगावत नहीं है। उन्होंने अपनी पीड़ा बताई है। हरीश ने कहा कि राजनीति में इस तरह की घटनाएं होती रहती हैं। रावत देहरादून से पंजाब के राजनीतिक हालात पर नजर रखे हुए हैं। पार्टी विधायकों के साथ ही पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष सिद्धू से भी उनकी फोन पर बात हुई है। मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह समर्थक विधायकों से भी हरीश रावत की फोन पर बात की है।

पंजाब कांग्रेस में मचे घमासान के बीच प्रदेश प्रभारी हरीश रावत ने पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू को क्लीन चिट दी है। हरीश ने कहा है कि इस पूरे मामले के पीछे सिद्धू नहीं हैं।उनके अनुसार, सिद्धू एक अलग परिवेश से आए हैं। भविष्य को देखकर उनको पंजाब का दायित्व सौंपा गया है, लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि पूरी कांग्रेस उनको सौंप दी है।

हरीश रावत ने कहा है कि उनकी जो भी नाराजगी है, उसका समाधान निकाला जाएगा।पंजाब में कांग्रेस के पास लोगों की कमी नहीं है और वो सब लोग सामूहिक रूप से आगे चुनाव में कैसे जीता जाए, उस पर काम करेंगे। पंजाब में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के खेमों के बीच सत्ता को लेकर खींचतान कांग्रेस की सिरदर्द बन गई है।

चार कैबिनेट मंत्रियों और पार्टी के कई विधायकों ने मुख्यमंत्री सिंह को हटाने की खुले तौर पर कल वकालत कर देने से संकट और भी गहरा गया है। पंजाब में मंगलवार को 30 कांग्रेस विधायकों के मुख्यमंत्री के खिलाफ मोर्चा खोल देने के बाद देहरादून में कांग्रेस के पंजाब प्रभारी हरीश रावत के आवास पर भी हलचल बढ़ी हुई है।

मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के करीबी माने जाने वाले पंजाब के मंत्रियों और विधायकों के एक समूह द्वारा सिद्धू को भी निशाना बनाया गया, उन्होंने सिद्धू के दो सलाहकारों की राष्ट्र विरोधी एवं पाकिस्तान समर्थक टिप्पणी को लेकर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।

साथ ही चेतावनी दी कि लगभग छह महीने में होने वाले पंजाब विधानसभा चुनावों से पहले यह कांग्रेस को भारी नुकसान पहुंचा सकता है। सिद्धू के सलाहकार मालविंदर सिंह माली और प्यारेलाल गर्ग कश्मीर और पाकिस्तान पर अपनी हालिया विवादास्पद टिप्पणियों को लेकर विपक्ष और खुद पार्टी के निशाने पर आ गए हैं।
ये भी पढ़ें
FM निर्मला सीतारमण का बड़ा ऐलान! देश के हर जिले में कर्ज देने के लिए अक्टूबर 2021 में चलाया जाएगा विशेष अभियान