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Last Updated : रविवार, 20 जून 2021 (17:46 IST)

महाराष्ट्र में 5 साल के लिए हुआ एमवीए गठबंधन, कोई स्थाई गठजोड़ नहीं : नाना पटोले

महाराष्ट्र में 5 साल के लिए हुआ एमवीए गठबंधन, कोई स्थाई गठजोड़ नहीं : नाना पटोले - Congress statement on MVA alliance
मुंबई। महाराष्ट्र में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा है कि राज्य में शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस की एमवीए गठबंधन सरकार का गठन 5 साल के लिए हुआ है और यह कोई स्थाई गठजोड़ नहीं है।

उनकी यह टिप्पणी मुख्यमंत्री और शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के शनिवार के बयान के बाद आई है, जिसमें उन्होंने कहा था कि लोगों की समस्याओं का समाधान करने के बजाय अकेले चुनाव लड़ने की बात करने वालों की जनता चप्पल से पिटाई करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा था कि सभी पार्टियों को अपनी महात्वाकांक्षाओं को परे रखकर अर्थव्यवस्था और स्वास्थ्य पर ध्यान देना चाहिए।

पटोले ने कहा कि ठाकरे के बयान में स्पष्टता नहीं है कि वह किसके बारे में बात कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यहां तक कि भाजपा भी अकेले चुनाव लड़ने की बात करती है। उन्होंने कहा कि चारों पार्टियां शिवसेना, कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और भाजपा ने विधानसभा चुनाव अकेले ही लड़ा था।

पटोले ने कहा, हमने 2019 में पांच साल के लिए महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार का गठन भाजपा को रोकने के लिए किया था। यह कोई स्थाई गठजोड़ नहीं है। हर पार्टी को अपने संगठन को मजबूत करने का अधिकार है और कांग्रेस ने कई जगहों पर कोरोनावायरस (Coronavirus) कोविड-19 प्रभावित लोगों को खून, 
ऑक्सीजन और प्लाज्मा उपलब्ध कराकर हमेशा राहत मुहैया कराने को प्राथमिकता दी है।
पटोले ने कहा कि ठाकरे ने उक्त टिप्पणी शिवसेना के 55वें स्थापना दिवस पर पार्टी अध्यक्ष के तौर पर दी थी न कि मुख्यमंत्री के तौर पर दी। शिवसेना और कांग्रेस दशकों से धुर विरोधी दल रहे हैं लेकिन 2019 में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी के भाजपा से अलग होने के बाद दोनों दलों ने राकांपा के साथ मिलकर महाराष्ट्र में सरकार बनाई।
बहरहाल शिवसेना के राज्यसभा सदस्य संजय राउत ने रविवार को कहा कि उनकी पार्टी ने महराष्ट्र के गौरव और पार्टी की मजबूती के लिए हमेशा सभी लड़ाइयां अकेले दम पर ही लड़ी हैं। उन्होंने कहा, शिवसेना का आगे का रास्ता साफ है। बाकी नेता असमंजस की स्थिति से बाहर निकलें, क्योंकि किसी पार्टी का एक नेता अकेले लड़ने की बात करता है तो उसी पार्टी का दूसरा नेता कहता है कि यह हमारी पार्टी का रुख नहीं है।
राउत कांग्रेस नेता एचके पाटिल के बयान की ओर इशारा कर रहे थे, जिन्होंने शनिवार को एक कार्यक्रम में कहा कि राज्य कांग्रेस को पार्टी को मजबूत करने पर ध्यान देना चाहिए और चुनाव अकेले लड़ने के बारे में फैसला आलाकमान को करना है।(भाषा)
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