शुक्रवार, 19 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. व्रत-त्योहार
  3. अन्य त्योहार
  4. Vaikuntha Chaturdashi 2021
Written By
Last Updated : बुधवार, 17 नवंबर 2021 (10:03 IST)

बैकुंठ चतुर्दशी कब है 2021 : जानिए इस दिन के महत्व की 5 खास बातें

बैकुंठ चतुर्दशी कब है 2021 : जानिए इस दिन के महत्व की 5 खास बातें | Vaikuntha Chaturdashi 2021
कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को बैकुण्ठ चतुर्दशी कहते हैं। वैसे तो चतुर्दशी तिथि के दिन भगवान शिव की पूजा होती है परंतु वैकुंठ चतुर्दशी के दिन शिव और विष्णु दोनों की एक साथ पूजा करने का प्रलन है। इस बार बैकुंठ चतुर्दशी 17 नवंबर 2021 बुधवार के दिन है, परंतु पंचांग भेद से 18 नवंबर को भी मनाई जाएगी।
 
 
1. इस दिन भगवान शिव और विष्णु की पूजा करने से दोनों देव प्रसन्न होते हैं।
 
2. इस दिन पूजा, पाठ जप, एवं व्रत करने से श्रद्धालु को बैकुंठ की प्राप्ति होती है। वैकुंठ चतुर्दशी की कथा पढ़ने से 14000 पाप कर्मों का दोष मिट जाता है। 
 
3. एक कथा के अनुसार इस दिन भगवान शिव ने श्रीहरि विष्णु के जागने के बाद उन्हें सृष्‍टि का संचालन पुन: सौंप दिया था। कहते हैं कि देवशयनी एकादशी से देवउठनी एकादशी तक भगवान विष्‍णु पाताललोक राजा बली के यहां योग निद्रा में विश्राम करने जाते हैं। श्रीहरि के शयनकाल के दौरान संपूर्ण सृष्टि की सत्‍ता का संचालन शिवजी के पास होता है। फिर जब वे नींद्र से जागते हैं तो श्रीहरि को शिवजी पुन: सृष्टि का संचालन सौंप देते हैं।
4. एक अन्य कथा के अनुसार इस दिन भगवान विष्णु शिवजी तपस्या करने के बाद उन्हें 1000 कमल अर्पित कर रहे थे। शिवजी ने एक कमल गायब कर दिया तो विष्णुजी ने अपनी आंखें ही निकाल का अर्पित कर दी तब भगवान शिव ने कहा कि आज की यह कार्तिक शुक्ल चतुर्दशी अब 'बैकुंठ चतुर्दशी' कहलाएगी और इस दिन व्रतपूर्वक जो पहले आपका पूजन करेगा, उसे बैकुंठ लोक की प्राप्ति होगी।
5. एक बार नारदी कहते हैं कि आपके भक्तों के लिए वैकुंठ प्राप्ति का सरल उपाय क्या है तो श्रीहिर विष्णु कहते हैं कि हे नारद! मेरी बात सुनो, कार्तिक शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को जो नर-नारी व्रत का पालन करेंगे और श्रद्धा-भक्ति से मेरी पूजा-अर्चना करेंगे, उनके लिए स्वर्ग के द्वार साक्षात खुले होंगे।... धनेश्वर नामक पापी ब्राह्मण को इसीलिए वैकुंठ प्राप्त हुआ क्योंकि उससे वैकुंड चतुर्दशी के दिन तीर्थ स्नान किया था।