* सुख-समृद्धि के लिए शाकंभरी नवरात्रि में जपें यह मंत्र
* शाकंभरी नवरात्रि : इन मंत्रों के जाप से होगा जीवन सुखी...
शाकंभरी देवी मां दुर्गा के अवतारों में एक हैं। धार्मिक शास्त्रों के अनुसार गुप्त नवरात्रि की भांति शाकंभरी नवरात्रि (Shakumbhri Navratri) का भी बड़ा महत्व है। पौष माह की शुक्ल पक्ष की अष्टमी से पूर्णिमा तक शाकंभरी नवरात्रि मानी जाती है। इन दिनों पौराणिक कर्म किए जाते हैं, विशेषकर माता अन्नपूर्णा की साधना की जाती है। इस वर्ष 6 से 12 जनवरी 2017 तक यह नवरात्रि मनाई जाएगी।
तंत्र-मंत्र के साधकों को अपनी सिद्धि के लिए खास माने जाने वाली शाकंभरी नवरात्रि के इन दिनों में साधक वनस्पति की देवी मां शाकंभरी की आराधना करेंगे। मां शाकंभरी ने अपने शरीर से उत्पन्न शाक-सब्जियों, फल-मूल आदि से संसार का भरण-पोषण किया था। इसी कारण माता 'शाकंभरी' नाम से विख्यात हुईं।
तंत्र-मंत्र के जानकारों की नजर में इस नवरात्रि को तंत्र-मंत्र की साधना के लिए अतिउपयुक्त माना गया है। इस नवरात्रि का समापन 12 जनवरी की पूर्णिमा के दिन होगा।
शाकंभरी नवरात्रि के दिनों में नीचे लिखे मंत्रों का जाप करके साधक पूरा जीवन सुख से बिता सकता है। जीवन में धन-धान्य से परिपूर्णता के लिए इन मंत्रों का प्रयोग अवश्य करें-
आगे पढ़ें देवी को प्रिय मंत्र...
शाकंभरी नवरात्रि पर जपें यह मंत्र
* 'ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं भगवति माहेश्वरि अन्नपूर्णे स्वाहा।।'
* 'ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं भगवति अन्नपूर्णे नम:।।'
* 'ॐ सर्वाबाधा विनिर्मुक्तो धनधान्य: सुतान्वित:।
मनुष्यो मत्प्रसादेन भविष्यति न संशय:।।'
इन मंत्रों को बतौर अनुष्ठान 10 हजार, सवा लाख जप कर दशांस हवन, तर्पण, मार्जन व ब्राह्मण भोजन कराएं। नित्य 1 माला जपें।
हवन सामग्री में तिल, जौ, अक्षत, घृत, मधु, ईख, बिल्वपत्र, शकर, पंचमेवा, इलायची आदि लें। समिधा, आम, बेल या जो उपलब्ध हो उनसे हवन पूर्ण करके सुखदायी जीवन का लाभ उठाएं।