गुरुवार, 18 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. व्रत-त्योहार
  3. अन्य त्योहार
  4. sankasti chaturthi 2020
Written By

12 फरवरी को संकष्टी चतुर्थी, बुधवार होने से बढ़ा महत्व, कटेंगे सारे कष्ट, पढ़ें पूजन के शुभ मुहूर्त

12 फरवरी को संकष्टी चतुर्थी, बुधवार होने से बढ़ा महत्व, कटेंगे सारे कष्ट, पढ़ें पूजन के शुभ मुहूर्त - sankasti chaturthi 2020
Vrat Tyohar
बुधवार, 12 फरवरी 2020 को संकष्टी चतुर्थी है। यह एक बेहद खास तिथि है। इस दिन गणपतिजी की उपासना करने का विधान है। बुधवार का दिन श्री गणेश का दिन माना गया है और उसी दिन चतुर्थी होने से सोने पर सुहागा होने जैसा है। जो व्यक्ति जीवन में कष्‍टों का अनुभव कर रहे हैं, उनके लिए यह दिन बेहद मायने रखता है। इस दिन श्री गणेश का व्रत-पूजन करके आप जीवन की हर तरह की समस्याओं से निजात पा सकते हैं। आइए जानें... 
 
12 फरवरी को फाल्गुन मास की तृतीया-चतुर्थी तिथि है। फाल्गुन मास में चतुर्थी व्रत कर दान-दक्षिणा देने से श्री गणेश समस्त कामनाओं की पूर्ति कर जन्म-मृत्यु के कष्टों का नाश करके अपने दिव्य लोक में स्थान दे देते हैं।
 
संकष्टी चतुर्थी के दिन सूर्योदय से चंद्रोदय होने तक उपवास रखने का नियम है। कृष्ण पक्ष में आने वाली चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी कहा जाता है। इस दिन भगवान गणेश की आराधना सुख-सौभाग्य की दृष्टि से श्रेष्ठ है। आइए, जानें कैसे करें यह व्रत :
 
कैसे करें संकष्टी चतुर्थी व्रत :
 
* चतुर्थी के दिन सुबह स्नानादि से निवृत्त होकर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
 
* इस दिन व्रतधारी लाल रंग के वस्त्र धारण करें।
 
* श्री गणेश की पूजा करते समय अपना मुंह पूर्व अथवा उत्तर दिशा की ओर रखें।
 
* तत्पश्चात स्वच्छ आसन पर बैठकर भगवान गणेश का पूजन करें।
 
* फल, फूल, रौली, मौली, अक्षत, पंचामृत आदि से श्री गणेश को स्नान कराके विधिवत तरीके से पूजा करें।
 
* गणेश पूजन के दौरान धूप-दीप आदि से श्री गणेश की आराधना करें।
 
* श्री गणेश को फल, तिल से बनी वस्तुओं, लड्‍डू तथा मोदक का भोग लगाएं औा प्रार्थना करें कि 'ॐ सिद्ध बुद्धि सहित महागणपति आपको नमस्कार है। नैवेद्य के रूप में मोदक व ऋतु फल आदि अर्पित है।'
 
* सायंकाल में व्रतधारी संकष्टी गणेश चतुर्थी की कथा पढ़े अथवा सुनें और सुनाएं।
 
* चतुर्थी के दिन व्रत-उपवास रख कर चंद्र दर्शन करके गणेश पूजन करें। 
 
* तत्पश्चात श्री गणेश की आरती करें।
 
* विधिवत तरीके से गणेश पूजा करने के बाद गणेश मंत्र 'ॐ गणेशाय नम:' अथवा 'ॐ गं गणपतये नम: का 108 बार अथवा एक माला करें। 
 
* इस दिन अपने सामर्थ्य के अनुसार गरीबों को दान करें। 

पूजन के शुभ मुहूर्त 
 
संकष्टी चतुर्थी की तिथि का प्रारंभ बुधवार, 12 फरवरी 2020, 02:52 ए.एम. से शुरू होकर चंद्रोदय रात्रि 09:37 मिनट पर होगा तथा चतुर्थी तिथि की समाप्ति रात्रि 11:39 मिनट पर होगी।