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eid ul-adha food : ईद-उल-अजहा के खास पकवान

eid ul-adha food : ईद-उल-अजहा के खास पकवान - Eid Al Adha Recipes
Eid al-Adha Recipes
 
ईद की नमाज सुबह दस बजे तक अदा कर ली जाती है। नमाज के बाद क़ुर्बानी का दौर शुरू होता है। इसके बाद साफ-सफाई और फिर गोश्त के हिस्से कर, पकाने का काम शुरू होता है। इन सारे कामों में दोपहर के एक-दो बज जाना आम बात है। इस वक्त घर के तमाम लोगों को जोर की भूख लगी होती है और जल्द से जल्द पक जाने वाली चीज का इंतिख़ाब पकाने के लिए किया जाता है। जल्दी पक जाने वाली चीजें हैं गुरदा, दिल, तिल्ली, कलेजी वग़ैरा। इसलिए सबसे पहले ये चीजें पकाई जाती हैं जो बहुत कम तेल-मसाले में जल्दी से पक जाती हैं और इसे बच्चे-बड़े सब बहुत पसंद करते हैं। 
 
सामग्री : 
 
बोनलेस गोश्त, नमक, मिर्च-पावडर, कुछ हरी मिर्च के बारीक टुकड़े, हरा धनिया, हरी चटनी, नींबू, सलाद। 
 
टिकिया विधि :
 
बोनलेस गोश्त का कीमा बनाया जाता है। जब अच्छा बारीक कीमा बन जाता है तो उसे एक बार फिर अच्छी तरह पानी से धोने के बाद उसका सारा पानी निथार दिया जाता है। फिर उसमें नमक, मिर्च-पावडर, कुछ हरी मिर्च के बारीक टुकड़े, हरा धनिया अच्छी तरह से मिक्स कर दिया जाता है। 
 
जिस तरह रोटी पकाने से पहले आटा तैयार किया जाता बिलकुल उसी तरह। फिर इसमें से 50-60 ग्राम कीमे को लेकर हथेली पर रख लिया जाता है और दूसरे हाथ की उंगलियों की मदद से उसे चपटा, गोल आकार दे दिया जाता है।
 
दूसरी तरफ चूल्हे पर तवा रखकर, उस पर कुछ तेल डालकर अच्छी तरह से गर्म कर लिया जाता है। जब तेल अच्छा गर्म हो जाए तो वह टिकिया जो हथेली पर बनाई गई है, उसी आकार में तवे पर डाल दी जाती है। कुछ देर बाद उसे करछी के जरिए पलट दी जाती है। जब ऐसा लगे के उसके दोनों छोर अच्छी तरह सिंक गए हैं तो उसे करछी से एक प्लेट में निकाल लिया जाता है। 
 
एक तवे पर 12-15 टिकिया एक साथ एक के बाद एक डाली जा सकती हैं और अलट-पलट कर सेंकी जा सकती हैं। इन टिकियों को एक प्लेट में सजाकर चटनी, नीबू और सलाद के साथ पेश किया जा सकता हैं। 
 
शामी कबाब : 
 
शामी कबाब बनाने के लिए जो कीमा तैयार किया जाता है उसे सिल्ला पर बारीक पीस लिया जाता है। सिल-बट्टे की मदद से कीमा पिस जाने के बाद उसमें बड़ी इलायची, दालचीनी, नमक, काली मिर्च स्वाद के मुताबिक मिलाकर एकबार फिर सिल-बट्टे पर पीसा जाता है। जब सारी चीजें अच्छी तरह से उसमें मिल जाएं तो फिर उसी तरह से हाथ पर गोल टिकिया बनाकर तवे पर डाला जाता है। 
 
तवे पर तेल बहुत कम होता है, जरा-सा तेल तवे पर डालकर उसे पूरे तवे पर फैला दिया जाता है और हल्की आंच में टिकिया को दोनों तरफ से अच्छी तरह सेंक लिया जाता है। कुछ लोग इसे सिर्फ भाप में ही सेंकते हैं। पेश करने से पहले कटे हुए बारीक प्याज के टुकड़े और नीबू वगैरा भी प्लेट में सजा दिए जाते हैं। 
 
शामी कबाब विधि : 2 
 
इस कबाब के लिए जो कीमा तैयार किया जाता है उसमें मामूली फेट भी होता है। या ये कहिए के मामूली फेट वाले गोश्त का कीमा बनाया जाता है। नमक और मिर्च-पावडर जरूरत के हिसाब से मिलाकर कीमे को तैयार कर लिया जाता है। इस कीमे का एक छोटा हिस्सा लेकर उसे लोहे की मोटी छड़ पर चारों तरफ से लपेट दिया जाता है। 
 
करीब दो-ढाई इंच की लंबाई में। छड़ के इस हिस्से को जहां कीमा लपेटा गया है, दहकते हुए कोयले की आंच पर चारों तरफ से छड़ को घुमा-घुमाकर सेंक लिया जाता है। अच्छी तरह सिंकाई हो जाने पर गीले हाथ की मदद से सिंके हुए उस हिस्से को एक प्लेट में निकाल लिया जाता है। एक प्लेट में दो-चार कबाब सजाकर हरी मिर्च की चटनी, प्याज और नीबू के साथ पेश किया जाता है।
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