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Last Updated :न्यूयॉर्क , शनिवार, 26 मई 2018 (15:42 IST)

अल-कायदा को फेल कर देंगे भारत के मुसलमान-मोदी

अल-कायदा को फेल कर देंगे भारत के मुसलमान-मोदी - Modi in America
न्यूयॉर्क। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि भारत के मुसलमान अल-कायदा को फेल कर देंगे क्योंकि भारत में आतंकवाद का स्वरूप उसकी धरती से नहीं उपजा है बल्कि निर्यात किया गया है।
 
मोदी ने काउंसिल ऑन फारेन रिलेशंस में दिए अपने संबोधन में दो टूक शब्दों में कहा कि आतंकवाद से राजनीतिक नफा नुकसान की बिना पर नहीं लड़ा जा सकता और इसे शिकस्त देने के लिए देश, जाति, धर्म से उपर उठकर मानवता के आधार पर पूरी दुनिया को एकजुट होना होगा।
 
प्रधानमंत्री ने इस बात पर खेद प्रकट किया कि दुनिया के बहुत से देश आतंकवाद के घिनौने रूप को कभी समझ नहीं पाए।
 
संबोधन के बाद वहां उपस्थित लोगों के प्रश्नों का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के मुसलमान अल-कायदा को ‘फेल’ कर देंगे। उन्होंने कहा, 'आपने देखा होगा कि भारत में आतंकवाद का जो स्वरूप है वह उसकी धरती से नहीं उपजा है बल्कि यह निर्यात किया गया है।'
 
भारत में अल-कायदा की शाखाएं खोले जाने संबंधी उसके प्रमुख अल-जवाहिरी की घोषणा के संदर्भ में पूछे गए सवालों के जवाब में उन्होंने कहा कि भारत भगवान बुद्ध और महात्मा गांधी का देश है और उसके नागरिक कभी आतंकवाद का साथ नहीं दे सकते।
 
गौरतलब है कि अमेरिका यात्रा से पहले वहां के एक समाचार चैनल को दिये इंटरव्यू में मोदी ने कहा था, 'भारत के मुसलमान देश के लिए जिएंगे, देश के लिए मरेंगे और देश का कभी बुरा नहीं चाहेंगे।' 
 
उन्होंने कहा, 'आतंकवाद को अलग अलग तराजू से तौलने या किसी आतंकवाद को ‘गुड’ और किसी को ‘बैड’ बताने अथवा पसंद आने वाले देश में आतंकवाद को नहीं चलने देने और पसंद नहीं आने वाले देश में आतंकवाद चलने देने की मानसिकता के साथ इससे नहीं लड़ा जा सकता।'
 
मोदी ने कहा कि 1993 में वह अमेरिका आए थे और यहां के अधिकारियों से उनकी बात भी हुई थी लेकिन तब वे इसे आतंकवाद नहीं बल्कि कानून और व्यवस्था की समस्या बताते थे। उन्होंने कहा कि लेकिन बाद में जब मैं अमेरिका आया तो वे मुझे समझा रहे थे कि आतंकवाद क्या होता है क्योंकि तब यहां 9/11 की घटना हो गई थी यानि जब तक हमारे यहां बम नहीं गिरता, हम आतंकवाद को नहीं समझते।
 
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमने 40 साल से आतंकवाद को भुगता है और दुनिया को आगाह किया कि आतंकवाद की कोई सीमा और देश नहीं होता। और यह कब कहां आ धमकेगा, किसी को पता नहीं होता। ऐसी विकृति की कल्पना नहीं की गई होगी जब पत्रकारों का गला काटा जा रहा है।
 
मोदी ने कहा कि आतंकवाद से लड़ने के साधन चाहे जो भी हों, उससे लड़ने का रास्ता एक ही है और वह है मानवता में विश्वास। उन्होंने कहा कि विश्व को मिलकर, कंधे से कंधा मिलाकर सबके कल्याण के लिए इस बुराई से लड़ना होगा।
 
पश्चिम एशिया का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र कभी इतनी तेजी से आगे बढ़ रहा था, लेकिन आज वहां कैसी हालत हो गई है। आतंकवाद से लड़ने के लिए उन्होंने पर्यटन को बढ़ावा देने पर जोर देते हुए कहा, पर्यटन जोड़ता है और आतंकवाद बांटता है। इसलिए मैं पर्यटन को बढ़ावा देना चाहता हूं।
 
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज दुनिया का कोई भी देश अपनी मर्जी से नहीं चल सकता। विश्व बदल चुका है और वैश्विक प्रभाव से मिलकर कंधे से कंधा मिलाकर सबको चलना होगा। कोई देश अब अलग-थलग नहीं रह सकता है।
 
उन्होंने कहा कि विचारधारा के बजाय दर्शन के आधार पर चलने वाले देश अधिक स्थिर और सतत रूप से चलते हैं जबकि विचारधारा के आधार पर चलने वाला देश कभी न कभी लुढ़क जाता है।
 
मोदी ने कहा कि भारत ‘वसुधव कुटुंबकम’ के दर्शन को मानने वाला देश है जिसके तहत वह पूरे विश्व को अपना कुटुंब मानता है। (भाषा)