शुक्रवार, 19 अप्रैल 2024
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Written By वार्ता

लोकलेखा समिति से भी जाएँगे जसवंत

jaswant will move out loklekha samiti also | लोकलेखा समिति से भी जाएँगे जसवंत
भाजपा से निष्कासित वरिष्ठ नेता जसवंतसिंह को पार्टी के बाद अब संसद की लोकलेखा समिति के अध्यक्ष पद से हाथ धोना पड़ सकता है। उन्हें कुछ ही दिन पूर्व लोकसभा अध्यक्ष ने संसद की लोकलेखा समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया है।

संसदीय परिपाटी के अनुसार लोकलेखा समिति की अध्यक्षता मुख्य विपक्षी दल को दी जाती है और भाजपा के लोकसभा में मुख्य विपक्षी दल होने के नाते इस समिति के अध्यक्ष पद के लिए पार्टी ने अपने वरिष्ठ सांसद को मनोनीत करने का फैसला किया।

अब आज जब भाजपा संसदीय बोर्ड ने सिंह को पार्टी से निष्कासित कर दिया तो इसका राजनीतिक हलकों के साथ-साथ संसदीय कामकाज पर भी असर पड़ेगा। भाजपा संसदीय दल सिंह के स्थान पर किसी नए वरिष्ठ नेता को लोकलेखा समिति के अध्यक्ष के रूप में मनोनीत कर सकता है।

भाजपा संसदीय दल के प्रमुख पार्टी के शीर्षस्थ नेता लालकृष्ण आडवाणी हैं, जो लोकसभा में विपक्षी दल के नेता भी हैं। वे अपने अधिकार के तहत सिंह के स्थान पर किसी अन्य वरिष्ठ सांसद को मनोनीत कर सकते हैं। पार्टी सूत्रों के अनुसार इस संबंध में शिमला में चल रही चिंतन बैठक के बाद कोई कार्रवाई होने की संभावना है।

सिंह के स्थान पर लोकलेखा समिति के अध्यक्ष के लिए पार्टी के वरिष्ठ सांसद डॉ. मुरली मनोहर जोशी और यशवंत सिन्हा में से किसी का नाम मनोनीत होने की संभावना है।

राज्यसभा में विपक्ष के नेता रह चुके जसवंत सिंह के दार्जिलिंग से सांसद चुने जाने के कारण संसद भवन में उन्हें विशाल कक्ष के कार्यालय, स्टाफ आदि सुविधाओं से वंचित होना पड़ा।

इस बात को ध्यान में रखते हुए उनकी प्रतिष्ठा और सम्मान के अनुसार उनका नाम लोकलेखा समिति के अध्यक्ष पद के लिए मनोनीत किया गया, लेकिन शिमला में जब उन्हें भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित करने का फैसला किया गया तो इस बात की संभावना व्यक्त की जा रही है कि संसद की लोकलेखा समिति की अध्यक्षता से भी उन्हें हाथ धोना पड़ेगा।