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Written By BBC Hindi
Last Modified: नई दिल्ली , बुधवार, 30 जुलाई 2014 (15:11 IST)

बेलगांव विवाद: शिवसेना और भाजपा आमने-सामने

बेलगांव विवाद: शिवसेना और भाजपा आमने-सामने -
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नई दिल्ली। लोकसभा में बुधवार को कर्नाटक के बेलगांव क्षेत्र से जुड़े विवाद का मुद्दा उठा जिस पर सरकार के दो प्रमुख दल भाजपा और शिवसेना आमने-सामने दिखे। इस मुद्दे पर शिवसेना के हंगामे के कारण प्रश्नकाल बाधित हुआ और सदन को करीब 50 मिनट के लिए स्थगित करना पड़ा।

शून्यकाल में इस विषय को उठाते हुए शिवसेना के अरविंद सावंत ने कहा कि यह गंभीर मुद्दा है कि कर्नाटक राज्य में मराठी लोगों पर पुलिस अत्याचार कर रही है। उन्होंने कहा कि पुलिस कार्रवाई में महिलाएं, बूढ़े और बच्चे घायल हुए हैं।

उन्होंने कहा कि वर्षों से मराठी लोगों पर वहां अत्याचार हो रहा है। एक पट्टिका लगाने को लेकर प्रतिक्रिया में वहां मराठी लोगों पर पुलिस कार्रवाई की गई। मराठी लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की जानी चाहिए।

कर्नाटक से भाजपा सांसद प्रहलाद जोशी ने कहा कि यह मामला उच्चतम न्यायालय में लंबित है। बेलगांव कर्नाटक का अभिन्न हिस्सा है। उन्होंने कहा कि हाल की घटना में कुछ उपद्रवियों ने एक बोर्ड लगा दिया और इस क्षेत्र को महाराष्ट्र का बताया जबकि यह क्षेत्र कर्नाटक का है। इस बोर्ड को हटा दिया गया लेकिन इन लोगों ने फिर से बोर्ड लगा दिया जिसके बाद पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा।

इससे पहले बुधवार को प्रश्नकाल शुरू होने पर शिवसेना सदस्य कर्नाटक में मराठी भाषी लोगों के खिलाफ कथित पुलिस कार्रवाई का विषय उठाते हुए अध्यक्ष के आसन के करीब आ गए।

शिवसेना सदस्यों के हाथों में तख्तियां थीं जिन पर कर्नाटक में मराठी भाषी लोगों पर पुलिस कार्रवाई का जिक्र किया गया था। शिवसेना सदस्य 'कर्नाटक सरकार हाय-हाय', 'कर्नाटक पुलिस हाय-हाय' के नारे लगा रहे थे और कथित पुलिस कार्रवाई से संबंधित चित्र भी दिखा रहे थे।

इस बीच कर्नाटक के भाजपा सदस्यों को भी अगली कतार के पास आकर कुछ कहते देखा गया हालांकि शोर-शराबे में उनकी आवाज नहीं सुनी जा सकी।

अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने शोर-शराबे के बीच एक प्रश्न भी लिया, लेकिन हंगामा थमता नहीं देख उन्होंने सदन की कार्यवाही शुरू होने के 10 मिनट बाद दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी। (भाषा)