शनिवार, 20 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. खबर-संसार
  2. समाचार
  3. राष्ट्रीय
Written By भाषा
Last Modified: शनिवार, 5 जुलाई 2014 (18:35 IST)

देश में वीजा, मास्टर नहीं अब 'रुपे' का पावर

देश में वीजा, मास्टर नहीं अब ''रुपे'' का पावर -
FILE
मुम्बई। दुनिया की सबसे बड़ी पेमैंट सर्विस कंपनियों वीजा और मास्टरकार्ड को भारत में पहली बार टक्कर देने के लिए सरकार ने कमर कस ली है। सरकार ने अपने बैंकों से भारतीय कार्ड स्कीम ‘रुपे’ को समर्थन करने के लिए कहा है। उसने कहा है कि सभी सरकारी बैंक अपने ग्राहकों को रुपे डेबिट कार्ड इश्यू करें।

बैंकों को गत सप्ताह भेजे पत्र में वित्त मंत्रालय में वित्तीय सेवा विभाग के सचिव गुरदयाल सिंह संधू ने सरकारी बैंकों के सी.ई.ओ. से अपने वैसे सभी ग्राहकों को 'रुपे' कार्ड इश्यू करने की ‘गुजारिश’ की है जिनके पास डेबिट कार्ड नहीं हैं। नए ग्राहकों को भी रुपे कार्ड देने के लिए कहा गया है।

इकनॉमिक टाइम्स ने इस मामले में एनपीसीआई के एमडी और सीईओ ए.पी. होता से पूछा कि क्या ऐसा करने से सरकारी बैंकों को अमीर ग्राहकों से हाथ नहीं धोना पड़ेगा? इस पर उन्होंने बताया, 'यह डर गलत है। रुपे अच्छा कार्ड पेमेंट सिस्टम है। हम अपने एचएनआई कस्टमर्स के लिए प्लैटिनम कार्ड्स भी लॉन्च कर रहे हैं।'

बैंकों से कहा गया है कि वे दुकानों और आऊटलैट्स पर भी रुपे काडर्स के इस्तेमाल को बढ़ावा दें। इसके लिए उनसे वहां प्वाइंट ऑफ सेल टर्मिनल्स लगाने के लिए कहा गया है। यह जानकारी बैंकिंग इंडस्ट्री के सूत्रों ने दी है।

हालांकि बैंकों को वीजा या मास्टरकार्ड के जरिये होने वाले ट्रांजैक्शंस के लिए कार्ड इश्यू करने से मना नहीं किया गया है, लेकिन रुपे को प्रमोट करने का मेसेज उन्हें साफ शब्दों में मिला है।

स्टमर्स को अक्सर एक बैंक अकाउंट के लिए सिंगल डेबिट कार्ड इश्यू किया जाता है। इसलिए अब अगर कोई कस्टमर वीजा या मास्टरकार्ड वाले डेबिट कार्ड की मांग करता है तो सरकारी बैंकों को उसे रुपे सहित यह कार्ड भी इश्यू करना होगा। रुपे की तुलना में अभी वीजा या मास्टरकार्ड वाले कार्ड्स को ज्यादा जगह स्वीकार किया जाता है।

गौरतलब है कि 'रुपे' को नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) ने लॉन्च किया था। सस्ती पेमेंट सर्विस एंटिटी के तौर पर इसकी शुरुआत की गई थी। (एजेंसी)